बोधगया: महाबोधि मंदिर व आसपास के क्षेत्रों में विकास कार्य, सुरक्षा के इंतजाम, श्रद्धालुओं व पर्यटकों की सुविधा को लेकर शनिवार को बोधगया मंदिर सलाहकार परिषद की उच्चस्तरीय बैठक होगी. इसमें बौद्ध धर्म मानने वाले आठ देशों के राजदूत भी आयेंगे. केंद्र व राज्य के अधिकारी भी होंगे.
बीटीएमसी के कार्यालय में होने वाली बैठक में इस बात पर विचार-विमर्श होगा कि महाबोधि मंदिर परिसर को और बेहतर करने के लिए और क्या-क्या करना चाहिए. साथ ही, 24 जनवरी, 2015 को बोर्ड की बैठक के दौरान लिए गये निर्णयों पर कितना काम हो सका है.
बोर्ड में मेंबर हैं 22 लोग : राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा दो वर्षों के कार्यकाल के लिए बोधगया मंदिर सलाहकार परिषद का गठन किया जाता है. वर्तमान बोर्ड का गठन अगस्त, 2014 में हुआ था. 24 जनवरी, 2015 को बोर्ड की पहली बैठक हुई थी और अब 30 जुलाई को दूसरी बैठक होने जा रही है. भूटान के राजदूत वी नामग्याल बोर्ड के अध्यक्ष हैं व मगध आयुक्त इसके सचिव. बोर्ड में थाइलैंड, म्यांमार, साउथ कोरिया, जापान, कंबोडिया, वियतनाम व श्रीलंका के राजदूत सदस्य होते हैं. 22 सदस्यीय बोर्ड में सिक्किम सरकार के धार्मिक विभाग के सचिव, केंद्र सरकार के विदेश व पर्यटन सचिव, बिहार सरकार के पर्यटन व कला-संस्कृति विभाग के सचिव, मगध डीआइजी, गया डीएम, गया क्षेत्र के सांसद, बोधगया क्षेत्र के विधायक व बोधगया नगर पंचायत के अध्यक्ष भी सदस्य होते हैं. इनके अलावा दलाई लामा के प्रतिनिधि के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय ऑफ तिब्बतन स्टडीज, सारनाथ के वीसी एन सामतेंग, इंटरनेशनल बुद्धिष्ट कौंसिल ऑफ बोधगया (आइबीसी) के अध्यक्ष यू न्यानिंदा व महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के जेनरल सेक्रेटरी भी सलाहकार परिषद के सदस्य हैं.
पिछली बैठक के निर्णय: बोर्ड की पिछली बैठक में बोधगया क्षेत्र में होनेवाले विकास कार्यों के प्रस्ताव पारित किये गये थे. इसमें बोधगया से ढूंगेश्वरी पहाड़ी तक रोपवे का निर्माण कराना, सरस्वती मंदिर के पास मुहाने नदी पर पुल का निर्माण कराना, बोधगया में कन्वेंशन सेंटर बनाना, निरंजना नदी में तटबंध बनाना, बोधगया में यातायात व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के साथ ही सुरक्षा व सुविधाओं में बढ़ोतरी करना शामिल था. अब शनिवार को होनेवाली बैठक में इसकी समीक्षा की जायेगी व अन्य सुझावों पर चर्चा होगी. बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे के सहायक गजेंद्र कुमार ने बताया कि बैठक की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. बैठक को लेकर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है.