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अब दादा-दादी के सेवा के करतै

गया: एक साथ अपनी पांच पोतियों को खो चुकी दादी मोती राज देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. कभी वह अपने पति पवित्र नारायण सिंह के पास बैठ कर रोती हैं, तो कभी अपनी बड़ी बहू कांति देवी, मंझली बहू ललिता देवी व छोटी बहू मीरा देवी के गले लिपट कर रो रही हैं. कभी […]

गया: एक साथ अपनी पांच पोतियों को खो चुकी दादी मोती राज देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. कभी वह अपने पति पवित्र नारायण सिंह के पास बैठ कर रोती हैं, तो कभी अपनी बड़ी बहू कांति देवी, मंझली बहू ललिता देवी व छोटी बहू मीरा देवी के गले लिपट कर रो रही हैं. कभी घर के दरवाजे पर बैठी दादी अपनी बहन रामेश्वरी देवी व भगवती देवी को चुप कराती हैं, तो कभी खुद बिखलने लगती हैं.

मृत बच्चियों की दादी मोती राज देवी कहती हैं कि बेटा-बेटियों व पोते-पोतियों के कल्याण के लिए संगम स्नान करने के लिए एक दिसंबर को अपनी दोनों बहनों- रामेश्वरी देवी व भगवती देवी सहित गांव के रामजी सिंह व सरोज सिंह की पत्नियों के साथ इलाहाबाद गयी थीं. हमारी उम्र इतनी नहीं है कि इलाहाबाद तक का सफर आसानी से कर सकूं. लेकिन, बेटा-बेटी व पोता-पोती अच्छे के लिए संगम स्नान का फैसला लिया था. भगवान की कृपा से बड़े आराम से संगम स्नान भी कर लिया, लेकिन फल नहीं मिला. मृत बच्चियों की दादी ने बताया कि गुरुवार की सुबह खिजरसराय पहुंचीं तो बहन के बेटे ने बताया कि जल्दी गांव जाइए. बड़ी घटना हो गयी है. घर आये तो देखा कि पांचों पोतियों के बेजान शरीर पड़े थे. बाबू हमर तो परिवार बिखर गेइलो. अब कौन पोती हमरा रात में सेवा करतो. इतना कहते ही उनकी दादी रोने लगती हैं. पास में बैठे दादा के आंखों से भी आंसू छलक जाते हैं. दादा-दादी एक दूसरे को सांत्वना देकर बीच-बीच में चुप कराने की भी कोशिश करते हैं, पर थोड़ी देर बाद फिर से रोना-धोना शुरू हो जाता है.

दादा-दादी का है बुरा हाल
मृत बच्चियों के दादा कहते हैं कि आर्मी में 16 साल तक नौकरी की. बाद में कोलियरी में भी नौकरी की. अपने बूते बेटे शशि भूषण सिंह, भरत भूषण सिंह व विपिन सिंह सहित दो बेटियों को पाला-पोसा. डोभी थाना क्षेत्र के पिड़ासीन गांव की रहनेवाली कांति देवी से शशि भूषण की शादी की. शशि भूषण के दो बेटे व दो बेटियां हैं. करीब तीन वर्ष पहले शशि भूषण अपनी बड़ी बेटी प्रियंका की भी शादी कर चुके हैं. दो बेटे आलोक व अमरेश अब हाइ स्कूल की पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि छोटी बेटी जूली की हत्या पापियों ने कर दी. उन्होंने बताया कि भरत भूषण की शादी टनकुप्पा ओपी क्षेत्र के जबड़ा गांव की रहनेवाली ललिता देवी से की. इसे भी दो बेटे व दो बेटियां हैं. सबसे बड़ा ऋतु रंजन कुमार 10 वीं कक्षा और सबसे छोटा बेटा मीतू रंजन कुमार पांचवीं में पढ़ता है. इनकी दोनों बेटियां-स्वीटी कुमारी व रेशमा कुमारी की जान हत्यारों ने ले ली है. उन्होंने बताया कि विपिन सिंह की शादी फतेहपुर थाना क्षेत्र के सिकरी गांव की रहनेवाली मीरा देवी से हुई. इन्हें भी दो बेटे व दो बेटियां हैं. सबसे बड़ी मनीषा व छोटी अमिषा की जान अपराधियों ने ले ली. वहीं, मोहित कुमार नौवीं व रोहित कुमार पहली कक्षा का छात्र है.

अब बची सिर्फ प्रियंका
पवित्र नारायण सिंह के बेटों के खानदान में बेटी के नाम पर अब सिर्फ प्रियंका ही बची है. करीब तीन वर्ष पहले प्रियंका की शादी नालंदा जिले में भगवानपुर गांव में हो चुकी है. घटना की रात प्रियंका अपने ससुराल में थी. दादी ने आशंका जतायी कि अगर प्रियंका भी घर में रहती, तो हत्यारे उसकी भी जान हमलावरों के हाथ चली जाती.

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