बोधगया: अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा)के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में शनिवार को प्रतिनिधि सत्र के दौरान विभिन्न राज्यों से आयीं प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार रखे. प्रतिनिधियों ने कहा कि साम्राज्यवादी ताकतों द्वारा समाजवादी देशों के खिलाफ चलायी जा रही साजिश चिंता का विषय है. अधिकतर प्रतिनिधियों ने सांप्रदायिकता के बढ़ते खतरे को भविष्य के लिए बड़ी चुनौती करार दिया.
कर्नाटक से आयी एक प्रतिनिधि ने वैकल्पिक सांस्कृतिक तरीकों को प्रचारित करने की वकालत करते हुए कहा कि इससे लोगों की प्रतिबद्धता समाप्त होने की संभावना है.
कई प्रतिनिधियों ने तथाकथित बाबाओं द्वारा फैलाये जा रहे अंधविश्वास के खिलाफ मुहिम चलाने पर जोर दिया. बंगाल से आयीं प्रतिनिधियों ने तृणमूल शासन में जनता की बदहाली के साथ ही सामाजिक सुरक्षा से सरकार का हाथ खींच लेना व कॉरपोरेट सेक्टर से हाथ मिलाने की निंदा की. प्रतिनिधियों ने बंगाल में सरकार के संरक्षण में आये दिन बढ़ रही हिंसा, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार व अराजकता की कड़ी निंदा की. इसमें एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसका समर्थन त्रिपुरा के सांसद सह मंत्री द्वारिका दास ने किया.
इससे पहले एडवा की वरिष्ठ नेता श्यामली गुप्ता को उनके योगदान व अतुलनीय नेतृत्व के लिए सम्मानित किया गया. प्रतिनिधि सत्र रविवार को भी जारी रहेगा. इस दौरान प्रस्ताव व विभिन्न मुद्दों और कमीशन पेपर पर भी चर्चा की जायेगी. जेनरल सेक्रेटरी सुधा सुंदर रामन ने बताया कि रविवार को परिचर्चा के अलावा सॉवेनियर का विमोचन, कमीशन पेपर पर ग्रुप डिस्कशन व शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. सोमवार को एडवा की उपलब्धियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत किये जायेंगे व नयी कमेटी के लिए चुनाव होगा.