17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गया में 1,601 लोग एड्स पीड़ित

गया में 1,601 लोग एड्स पीड़ितविश्व एड्स दिवस पर विशेषनवादा में 975, औरंगाबाद में 804, जहानाबाद में 474 व अरवल में 174रोहतास के 523 व कैमूर के 19 लोग गया आते हैं एआरटी सेंटर से दवा लेनेसंवाददाता, गयाएड्स बहुत गंभीर व जालेवा बीमारी है. इससे पीड़ित व्यक्ति प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता खो देता है. परिणामस्वरूप […]

गया में 1,601 लोग एड्स पीड़ितविश्व एड्स दिवस पर विशेषनवादा में 975, औरंगाबाद में 804, जहानाबाद में 474 व अरवल में 174रोहतास के 523 व कैमूर के 19 लोग गया आते हैं एआरटी सेंटर से दवा लेनेसंवाददाता, गयाएड्स बहुत गंभीर व जालेवा बीमारी है. इससे पीड़ित व्यक्ति प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता खो देता है. परिणामस्वरूप आसानी से विभिन्न प्रकार के रोग की चपेट में आ जाते हैं. ऐसे में उनका इलाज काफी मुश्किल हो जाता है. यह बीमारी गया समेत पूरे देश में थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश में एड्स के सबसे ज्यादा 13,101 मरीज महाराष्ट्र में हैं. इसी प्रकार मगध प्रमंडल में सबसे ज्यादा गया में 1,601 मरीज हैं. नवादा में 975, औरंगाबाद में 804, जहानाबाद में 474 व अरवल में 174 मरीज हैं. ये सभी एएनएमएमसीएच स्थित एआरटी (एंटी रेट्रोवाइरल थेरेपी) सेंटर से दवाएं ले रहे हैं. इसके अलावा रोहतास के 523 व कैमूर के 19 लोग भी इसी सेंटर से दवाएं ले रहे हैं. एआरटी से प्राप्त आंकड़े के मुताबिक, 2012 में 3,865 लोगों की काउंसेलिंग हुई. इनमें 3,542 की एचआइवी जांच की गयी. 358 की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. इसी प्रकार 2013 में 3,381 की काउंसेलिंग व 1,534 की एचआवी जांच की गयी. जांच में 173 लोग पॉजिटव पाये गये. 2014 में 5,119 की काउंसेलिंग की गयी और 4,818 की एचआवी जांच हुई. इनमें 465 पॉजिटिव पाये गये.एड्स को जानेंविशेषज्ञों के मुताबिक, एड्स(अक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम)स्वयं कोई बीमारी नहीं, बल्कि लक्षण है, जो एचआइवी यानी ह्यूमन इम्यूनडेफिसिएंसी वायरस के कारण होता है. यह बॉडी के इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता दिनोंदिन कमजोर कर देता है. इससे सर्दी-जुकाम से लेकर टीबी व कैंसर जैसी घातक व जानलेवा बीमारी की चपेट में आदमी आसानी से आ जाता है. ऐसे में उनका इलाज काफी कठिन हो जाता है.कैसे होता है एड्सएचआइवी संक्रमित व्यक्ति के खून, वीर्य व मां के दूध से एचआइवी संक्रमण फैलता है. आम तौर पर रोग एचआइवी पॉजिटिव होने का मतलब एड्स समझ लेते हैं. पर, ऐसा नहीं है. एचआइवी पीड़ित व्यक्ति का रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण होने में आठ से 10 साल तक का समय लगता है. इसके बाद वह मौकापरस्त सर्दी-जुकाम से लेकर टीबी, कैंसर जैसी घातक बीमारी से ग्रस्त हो जाता है. इस अवस्था को एड्स कहा जाता है.एड्स के संक्रमण के कारणसंक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध बनाने सेएड्सग्रसित रोगी पर प्रयोग किये गये इंजेक्शन को दूसरे व्यक्ति के शरीर में लगाने सेएड्स पीड़ित व्यक्ति का खून चढ़ाने सेएड्सग्रस्त महिला द्वारा बच्चे का जन्म देने सेएड्सग्रस्त मां का दूध बच्चे का पिलाने सेदाढ़ी बनवाते समय, टैटू बनवाते समय व शरीर में कोई छेद करते समय प्रयोग की जाने वाली सूई व ब्लेड आदि के एचआइवी संक्रमित होने सेएड्स के लक्षणअत्याधिक वजन कम होनाअधिक समय तक सूखी खांसी रहनाबार-बार बुखार आनालसिकाओं या ग्रंथियों में सूजनएक हफ्ते से अधिक समय तक दस्त होनाबार-बार फंगल इंफेक्क्शन होनारात में पसीना आनाचमड़ी के नीचे, पलकों के नीचे, मुंह या नाक में लाल, भूरे या बैगनी रंग का धब्बा होनायाददाश्त कम होनाशरीर में दर्द होनामानसिक रोगएड्स का निदानएड्स के निदान के लिए एचआवी-एक व एचआइवी-दो के लिए खून की जांच की जाती है. इसके बाद एचआइवी एंटी बॉडीज का निर्माण किया जाता है, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सके. इस प्रक्रिया में काफी वक्त लगता है. ऐसे में आवश्यकतानुसार एंटीजेन तैयार किया जाता है. इसमे समय काफी कम लगता है. जरूरत पड़ने पर सीडी-4 काउंट किया जाता है. सामान्य स्वस्थ शरीर में सीडी-4 सेल्स की संख्या 500 से 1500 प्रति एमएल होती है. 200 प्रति एमएल से कम होने पर एड्स के निदान के लिए दवाएं दी जाती हैं.ऐसे में नहीं होता एड्सएड्स के रोगी से हाथ मिलाने से या चूमने सेएड्स के रोगी के साथ रहने या खाने सेएड्सग्रसित के छींकने या खांसने सेएड्सपीड़ित के मच्छर काटने सेएड्स रोगी के आंसू या थूक सेकैसे करें एड्स से बचावअपने साथी से वफादार रहेंएक से ज्यादा से यौन संबंध न बनाएंदाढ़ी बनाने के लिए हमेशा नये ब्लेड का प्रयोग करेंअस्पताल में सूई लेने के लिए नये इंजेक्शन का इस्तेमाल करेंखून चढ़ाने से पहले जांच करा लें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें