गया: गया कॉलेज परिसर में गुरुआ विधानसभा क्षेत्र का मतगणना केंद्र मॉडल बनाया गया था, जहां 60 महिलाएं पिंक ड्रेस में मताें की गिनती कर रही थीं. माइक्राे आब्जर्वर, मतगणना पर्यवेक्षक व मतगणना सहायक के अलावा प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट आदि सभी एक ही ड्रेस में नजर आ रही थीं.
मतगणना से पहले व मतों की गिनती शुरू हाेने के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने मॉडल मतगणना केंद्र सहित अन्य मतगणना केंद्राें का निरीक्षण किया. मतगणना के लिए महिलाआें काे जिस तरह डीएम ने तैयार किया था, उससे यह मिथक टूट गया कि महिलाएं चुनाव कार्य नहीं कर सकती हैं. इस मतगणना की खास बात यह रही कि जिले के सभी 10 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे पहला रिजल्ट (गुरुआ विधानसभा क्षेत्र) देने में महिलाएं ही अव्वल रहीं. महिलाओं ने मताें की गिनती भी दूसरे विधानसभा क्षेत्र के मतगणनाकर्मियाें से तेज गति से कीं.
डीएम सुबह 6.40 बजे गया कॉलेज परिसर में दाखिल हाे गये थे आैर शाम करीब सवा चार बजे वापस लाैटे. इस दौरान उन्होंने बाराचट्टी व अतरी विधानसभा क्षेत्रों के जीत प्रत्याशियों को छाेड़ कर अन्य आठ विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियाें काे मीडिया सेंटर में सर्टिफिकेट दिया़ साथ ही, डीएम मतगणना केंद्राें का चक्कर लगाकर स्थिति का जायजा लेते रहे.
सर्टिफिकेट लेने आये जीते प्रत्याशियाें ने भी स्वच्छ शांतिपूर्ण व पारदर्शी मतगणना कार्य कराने के लिए डीएम की सराहना की. दूसरे राउंड की मतगणना का रिजल्ट आने के बाद गया टाउन विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी प्रियरंजन ने आरोप लगाया कि मतगणना में जाे मत बूथवार गिने जा रहे हैं, उसमें काफी अंतर है. निश्चित रूप से इसमें घालमेल किया जा रहा है़ वह कंट्राेल रूम के गेट पर ही धरना पर बैठ गये. बाद में डीएम ने उन्हें आश्वस्त किया. इसके बाद यह कहते हुए कि वह भारत निर्वाचन आयाेग काे फैक्स भेज कर इसकी शिकायत करेंगे और धरना सेे उठ गये.
इस बार की मतगणना की खासियत यह रही कि जाे प्रत्याशी आगे निकला, वह फिर कभी पीछे नहीं हुआ. बेलागंज विधानसभा क्षेत्र की मतगणना में राजद प्रत्याशी सुरेंद्र यादव ने शुरुआती दाैर से ही इतनी बढ़त बनायी कि उनके प्रतिद्वंद्वी बराबरी पर नहीं आ सके़ सिर्फ वजीरगंज में एक बार छोड़ कर कांग्रेस प्रत्याशी ने लीड बनाये. गुरुआ में भी शुरू में आगे-पीछे की स्थिति बनी, लेकिन, वह ज्यादा देर तक स्थायी नहीं रह सकी आैर भाजपा जो आगे निकली साे निकलती चली गयी. मतगणना काे लेकर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था थी. मीडिया सेंटर में लगे टीवी पर सूबे के अन्य इलाकों के नतीजे जानने के लिए भीड़ लगी रही. इससे मीडियाकर्मियाें काे कई बार परेशानी भी हुई.