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अब गया को स्मार्ट बनाने की तैयारी
देश में जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जायेगी, वैसे-वैसे लोग शहर की ओर पलायन करेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि आनेवाले समय में बेहतर जीवन व आराम की तलाश में हर मिनट 25 से 30 लोग ग्रामीण इलाके से शहर की ओर रुख करेंगे. माना जा रहा है कि 2050 तक केवल शहरों में रहनेवाले लोगों की […]
देश में जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जायेगी, वैसे-वैसे लोग शहर की ओर पलायन करेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि आनेवाले समय में बेहतर जीवन व आराम की तलाश में हर मिनट 25 से 30 लोग ग्रामीण इलाके से शहर की ओर रुख करेंगे. माना जा रहा है कि 2050 तक केवल शहरों में रहनेवाले लोगों की संख्या 843 मिलियन हो जायेगी. इतनी बड़ी आबादी को शहर में बसाने व बेहतर सुविधा देने के लिए व्यवस्था व तकनीक में आधुनिकता की जरूरत पड़ेगी. केंद्र सरकार ने इसी सोच के साथ ‘स्मार्ट सिटी’ के प्रोजेक्ट की परिकल्पना तैयार की. देश में कुल 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने की योजना बनी. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 100 शहरों के विकास में कुल 7,060 करोड़ रुपये खर्च किये जाने की घोषणा की है. इसके तहत लगभग हर शहर को 70 करोड़ रुपये मिलेंगे. केंद्र सरकार का मानना है कि स्मार्ट सिटी हो जाने से रोजगार की संभावनाओं में भी 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. सरकार इन्फ्रास्ट्रकचर को बढ़ाने के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप ) के फॉमरूले का भी प्रयोग कर सकती है.
गया: हृदय (हेरिटेज सिटी) प्रोजेक्ट के बाद अब गया को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने की कवायद शुरू कर दी गयी है. केंद्र सरकार की ओर से स्मार्ट सिटी बनाये जाने के लिए देश के 100 शहरों को चुना गया है. इनमें गया को भी शामिल किया गया है. इस प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय ने सभी राज्यों के साथ विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया है. शुक्रवार से दिल्ली में आयोजित कार्यशाला शनिवार तक चलेगी. इस प्रोजेक्ट में बिहार से गया के अलावा पटना, भागलपुर व बिहारशरीफ को भी शामिल किया गया है. कार्यशाला में गया से नगर आयुक्त डॉ नीलेश देवरे शामिल हुए हैं.
गया को मिलेंगे 70 करोड़
जानकारी के अनुसार, गया को 70 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. इस प्रोजेक्ट के तहत शहर के पुराने स्वरूप को बचाने की पूरी कोशिश की जायेगी. इसके अलावा शहर में बिजली, पर्यावरण, यातायात, स्वास्थ्य व शिक्षा आदि को बेहतर किया जायेगा. वेबसाइटों से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले 10 वर्षो में की गयी जनगणना में गया शहर की आबादी में लगभग 80 हजार की वृद्धि हुई है. 2001 की जनगणना के अनुसार, शहर की आबादी तीन लाख, 85 हजार, 432 थी, जो 2011 की जनगणना में बढ़ कर चार लाख, 63 हजार, 454 हो गयी है. निश्चित है कि 2015 तक में यह आंकड़ा और भी बढ़ा होगा. ऐसे में शहर में बढ़ती आबादी के लिए सुविधा और बेहतर व्यवस्था देना बेहद जरूरी है.
क्या कुछ खास है कार्यशाला में
नयी दिल्ली में चल रही दो दिवसीय कार्यशाला में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय चयनित शहरों के प्रतिनिधियों के साथ उन मसलों पर विचार किया गया, जिसके आधार पर स्मार्ट सिटी का चयन तय है. कार्यशाला में चयनित शहरों में विकास की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. इसके साथ ही, विभिन्न शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर चुने जाने के कारणों व उद्देश्यों की भी जानकारी उपलब्ध करायी जा रही है.
नायडू ने पूछा, क्या आप तैयार हैं स्मार्ट सिटी के लिए
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने चयनित शहरों के प्रतिनिधियों से पूछा कि यह वह स्मार्ट सिटी के लिए तैयार हैं? उन्होंने कहा कि यह काम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस पूरे प्रोजेक्ट में राज्य सरकार व स्थानीय निकायों को अहम भूमिका निभानी होगी. स्मार्ट सिटी के लिए चयनित शहरों के बीच प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा. मंत्री ने कहा कि ‘सिटी चैलेंज’ आयोजन कर शहरों के बीच प्रतियोगिता भी करायी जायेगी. इससे पता चलेगा कि कौन शहर स्मार्ट सिटी बनने की प्रतियोगिता में सबसे आगे है.
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