गया: मजदूरों की हितों की रक्षा के लिए कानून में कई प्रावधान हैं. मजदूर देश के विकास में महत्वपूर्ण कड़ी हैं. ये बातें जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष विश्वेशरनाथ मिश्र ने कहीं.
वह बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय में मजदूर दिवस पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कारखाना व कामगार विधियां, बालक श्रम अधिनियम 1986, बंधुआ मजदूर पद्धति अधिनियम 1976, बालक (श्रम गिरवीकरण) अधिनियम 1933, संविदा श्रम अधिनियम 1970 आदि कानून श्रमिकों के हित के लिए बनाये गये हैं. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह सचिव जिला विधिक जागरण समिति राजेश नारायण सेवक पांडेय ने कहा कि बाल श्रम अपराध है.
इसमें दंड व जुर्माने का प्रावधान है. मौके पर अवर न्यायाधीश तृतीय विनोद कुमार तिवारी, बार एसोसिएशन के सचिव मुरारी कुमार हिमांशु, सेवानिवृत्त अपर न्यायाधीश ब्रजेश कुमार सिंह, इंदू सहाय, आशुतोष पांडेय व अन्य मौजूद थे.
इंटक ने मनाया मजदूर दिवस
शहर के राधा कृष्णा मेमोरियल हॉल में बुधवार को इंटक के विभिन्न श्रमिक संगठनों ने इंटक मगध क्षेत्र के अध्यक्ष पंडित गोपाल लाल मेहता की अध्यक्षता में मजदूर दिवस मनाया. इस दौरान वक्ताओं ने मजदूरों अधिकारों को लेकर चर्चा की. इस मौके पर कृष्ण कुमार सिंह, अरविंद सिंह, प्रकाश धवन, श्रवण कुमार पासवान, वीएस पांडेय, सुरेश यादव, मो शाद आलम, रामेश्वर यादव, कुजाल कुमार, रूपेश शर्मा आदि उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन इंटक के अशोक कुमार सिंह ने किया.