बोधगया: एसएसपी निशांत कुमार तिवारी ने मंगलवार को बोधगया में आयोजित कार्यशाला में जिले भर के थानेदारों को संवेदनशील होने की नसीहत दी. उन्होंने थानेदारों से पीड़ित व अपराधी में फर्क समझने को कहा. एसएसपी ने मुख्य रूप से किशोरों (18 वर्ष से कम उम्र के) को बड़े अपराधी बनने से रोकने के लिए मानवीय व्यवहार के साथ उन्हें जेल भेजने से परहेज करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि छोटे-मोटे आरोपों के चक्कर में अगर किसी किशोर को जेल भेज दिया जाये, तो वह जेल से बाहर आने तक एक पेशेवर अपराधियों का रूप ले चुका होता है.
उन्होंने कमजोर वर्ग की महिलाओं व बच्चों पर भी होने वाले प्रताड़ना के मामलों को गंभीरता से निबटाने को कहा. श्री तिवारी ने कहा कि पुलिस कमजोर लोगों के लिए ही तैनाती की गयी है. उन्होंने सलाह दी कि कमजोर लोगों की मदद से लोगों से प्यार व सहयोग दोनों हासिल किया जा सकता है. हालांकि, उन्होंने थानेदारों की व्यस्तता का भी हवाला दिया लेकिन, किसी भी स्थिति में सहयोग की उम्मीद के साथ आये लोगों से अच्छा व्यवहार करने को कहा. इस दौरान श्री तिवारी ने बाल तस्करी के खिलाफ भी गंभीरता से कार्रवाई का निर्देश दिया.
उन्होंने प्रोन्नति की आस में बैठे लोगों को को नये वर्ष में जिले के 50 पुलिस कर्मियों व पदाधिकारियों को आंतरिक सुरक्षा पदक से सम्मानित किये जाने की तैयारी का भी जिक्र किया व गुजरे वर्ष में बेहतर कार्य के लिए धन्यवाद देते हुए नये वर्ष में नयी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सभी का हौसला बढ़ाया. एसएसपी श्री तिवारी मंगलवार को गया जिले में किशोर न्याय को आंदोलन का स्वरूप देने के लिए थानाध्यक्ष सह किशोर कल्याण अधिकारियों के उन्मुखीकरण के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कार्यशाला के दूसरे सत्र में सीआरपीएफ के अधिकारी भी शामिल हुए.
कार्यशाला में सिटी एसपी राकेश कुमार, डीएसपी सतीश कुमार, एमके आनंद, सार्जेट मेजर जीपी कर्ण, इंस्पेक्टर नरेश कुमार व विभिन्न थानों के एसएचओ शामिल हुए.