गया: बोधगया में सीरियल बम-ब्लास्ट के बाद महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में बरती गयी लापरवाही पर से परदा उठाता जा रहा है. एक-एक कर सारी खामियां सामने आ रही हैं. इससे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) और नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी) की टीम भी हैरत में है. जांच एजेंसी के अधिकारी फिलहाल आतंकी हमले से संबंधित सबूत जुटा रहे हैं. सोमवार को एनआइए की टीम ने लगातार घंटों तक सीसीटीवी का फुटेज देखा. उन्हें कई अहम सुराग भी मिले हैं. अधिकारी जांच में जुट गये हैं.
एनआइए की टीम सीसीटीवी के हार्ड-डिस्क को निकाल कर उसे सील करने की योजना बनी. लेकिन, रिकॉर्डर के सॉफ्टवेयर से संबंधित सीडी नहीं होने के कारण एनआइए को हार्ड-डिस्क नहीं मिला. काफी प्रयास के बाद भी. बाद में जिलाधिकारी बाला मुरुगन डी ने गया से कंप्यूटर विशेषज्ञों को बुलाया. साथ ही उस एजेंसी के मालिक को भी बोधगया बुलाया गया, जो सीसीटीवी की देखरेख करती थी. एजेंसी का मालिक वहां पहुंचा तो उसने अपने हाथ खड़े कर दिये. उसने एनआइए की टीम को बताया कि वह सिर्फ सीसीटीवी कैमरों की देख-रेख करता है.
सीसीटीवी उनके द्वारा नहीं लगाया गया है. तब खोज शुरू हुई सीसीटीवी लगानेवाले की. छानबीन में पता चला है कि महाबोधि मंदिर में लगाये गये 16 सीसीटीवी कैमरे को हजारीबाग की किसी एजेंसी ने लगाया था. लेकिन, उसकी देखरेख गया की एक एजेंसी कर रही थी. उस एजेंसी के पास रिकॉर्डर से संबंधित सॉफ्टवेयर नहीं है. इस बीच सूचना है कि मंगलवार को कंप्यूटर विशेषज्ञों की एक और टीम बोधगया पहुंचेगी और सीसीटीवी से संबंधित रिकॉर्ड खंगालेगी.