फोटो- बोधगया 06,07,08,09, 10- चीवरदान समारोह में शामिल भिक्षु व उपासक, 09- संघदान करते बौद्ध भिक्षु.कार्तिक पूर्णिमा के बाद बंद हो गया भिक्षुओं को चीवरदान करने का सिलसिलाविभिन्न बौद्ध मठों के 125 भिक्षुओं को दिया गया चीवर व कराया गया संघदान संवाददाता, बोधगया बुद्धिष्ट परंपरा के मुताबिक, वर्षावास के समापन के बाद बौद्ध भिक्षुओं को दान में दिये जाने वाले चीवर (कपड़े) व अन्य सामग्री की समय सीमा गुरुवार को समाप्त हो गयी. परंपरा के अनुसार, आश्विन से कार्तिक पूर्णिमा तक श्रद्धालुओं व उपासकों द्वारा भिक्षुओं को चीवरदान किया जाता है. इसी कड़ी में गुरुवार को वट् लाओस बोधगया इंटरनेशनल टेंपल परिसर में चीवरदान समारोह का आयोजन किया गया. मंदिर के मुख्य प्रभारी वट् लाओस बुद्धावोंग के नेतृत्व में मंदिर परिसर में पूजा के बाद विभिन्न बौद्ध मठों को 125 भिक्षुओं को चीवर व अन्य सामग्री दान की गयी. इसके बाद भिक्षुओं को संघदान (भोजन) कराया गया. चीवरदान समारोह में लाओस पीडीआर के करीब दो सौ श्रद्धालुओं ने भाग लिया. उल्लेखनीय है कि हर वर्ष बोधगया के विभिन्न बौद्ध मठों में रहनेवाले भिक्षुओं को विभिन्न देशों के श्रद्धालुओं द्वारा चीवरदान व संघदान कराया जाता है. महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भिक्खु चालिंदा ने बताया कि चीवरदान का सिलसिला कार्तिक पूर्णिमा को समाप्त हो जाता है.
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लाओस पीडीआर बौद्ध मठ में चीवरदान
फोटो- बोधगया 06,07,08,09, 10- चीवरदान समारोह में शामिल भिक्षु व उपासक, 09- संघदान करते बौद्ध भिक्षु.कार्तिक पूर्णिमा के बाद बंद हो गया भिक्षुओं को चीवरदान करने का सिलसिलाविभिन्न बौद्ध मठों के 125 भिक्षुओं को दिया गया चीवर व कराया गया संघदान संवाददाता, बोधगया बुद्धिष्ट परंपरा के मुताबिक, वर्षावास के समापन के बाद बौद्ध भिक्षुओं को […]
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