पटना. खेती-किसानी से जुड़े किसी भी काम के लिए अब एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. एक ही खिड़की से सभी योजनाओं का लाभ देने के लिए 2008 में सभी 534 प्रखंड के लिए लांच की गयी इ-किसान केंद्र योजना अब धरातल पर उतरने जा रही है.
कृषि निदेशक आदेश तितरमारे ने इन केंद्रों के संचालन को लेकर नियम- कायदे तय कर दिये हैं. हालांकि, अभी 455 प्रखंडों के किसानों को ही यह सेवा मिलेगी. राज्य के 79 प्रखंडों में इ- किसान केंद्र के लिए भवन निर्माण का काम बाकी है़
इ-किसान भवन केंद्र के प्रभारी प्रखंड कृषि अधिकारी होंगे़ संयुक्त कृषि निदेशक (शस्य) की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी उपकरणों की खरीद करेगी. इनके प्रबंधन और परिचालन का जिम्मा जिला कृषि पदाधिकारी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमेटी को दिया गया है.
मेंटेनेंस पर 15 हजार रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. किसान रात में यहां ठहर सकें इसके लिए डॉरमेटरी भी बनाये गये हैं. कंप्यूटर- इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध होने के कारण किसान देश- दुनिया की सभी मंडी के भावों को जान सकेंगे. यहां मिट्टी की जांच करा कसेंगे. प्लांट प्रोटेक्शन की भी सुविधा यहां मिलेगी.
इ-किसान केंद्र भवन के पहले तल पर ट्रेनिंग सेंटर होगा. इसको किराये पर दिया जा सकेगा. सरकारी और अर्धसरकारी संस्थाओं को पांच सौ रुपये और निजी संस्थाओं को एक हजार रुपये एक दिन का किराया देना होगा.
Posted by Ashish Jha