बांका : वैश्विक महामारी कोविड-19 का संक्रमण जिले भर में मौजूद है. लेकिन, अब डेंगू का खतरा भी सामने आ गया है. बारिश का मौसम अब अंतिम चरण में है. इसके बाद सर्दी यानी जाड़े का मौसम आने वाला है. चिकित्सकों की मानें तो डेंगू के लिए ऐसा मौसम अनुकूल माना जाता है. ऐसे में जरूरी है कि लोग ना सिर्फ कोरोना के प्रति बल्कि डेंगू को लेकर भी सावधान रहें.
स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में है. साथ ही सदर अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए अलग से इलाज की व्यवस्था की गयी है. डीपीएम प्रभात कुमार राजू ने कहा कि कोरोना काल में भी अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से इलाज की व्यवस्था है. लोग डेंगू के प्रति सचेत रहें. घर के आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें. इससे मच्छर नहीं पनपेगा और आपका डेंगू से बचाव होगा. इसके बावजूद भी अगर आप डेंगू का शिकार हो ही गये तो सदर अस्पताल आ जाइए. यहां पर इलाज की समुचित व्यवस्था है. सदर अस्पताल के मैनेजर अमरेश कुमार ने बताया कि यहां पर छह बेड का अलग से डेंगू मरीजों के लिए वार्ड चल रहा है. जहां पर डेंगू मरीजों का इलाज किया जायेगा.
इस मौसम में डेंगू का खतरा ज्यादा.शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि वैसे तो 25 जून से ही डेंगू को लेकर सतर्कता बरती जाती है, लेकिन जब बारिश का मौसम समाप्त होता है और सर्दी शुरू होने वाली रहती है तो, उस दौरान डेंगू के ज्यादा मामले सामने आते हैं. अभी से लेकर अक्तूबर तक लोगों में डेंगू होने की आशंका अधिक रहती है. डॉ. चौधरी ने कहा अगर मरीज को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका इलाज व देखभाल घर पर की जा सकती है.
डॉक्टर की सलाह लेकर दवाई ले सकते हैं. बिना चिकित्सक की सलाह से दवा लेने पर शरीर से प्लेटलेट्स अचानक कम हो सकते हैं. सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें, बुखार की हालत में शरीर को और ज्यादा खाने की जरूरत होती है. वहीं डेंगू से बचाव के लिए घर के आसपास पानी को जमने नहीं दें. रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें. डेंगू का मच्छर दिन में काटता है, इसलिए दिन में विशेष तौर पर सतर्क रहें. घर में कूलर के पानी को बार-बार बदलते रहें. साथ ही घर के आसपास कोई ऐसा सामान हो, जिसमें पानी जमा हो जाता है तो उसे तत्काल हटा दें.
ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना
सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है
बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना
गले में हल्का-सा दर्द होना
शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना
posted by ashish jha