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शिक्षकों की समस्याओं का शीघ्र निदान

अमित रंजन/कृष्णकुमार, दरभंगाः ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साकेत कुशवाहा को पदभार संभाले एक माह से अधिक बीत चुका है. इस दौरान श्री कुशवाहा ने न सिर्फ यहां की कार्यसंस्कृति को समझा बल्कि उसमें अपेक्षित सुधार के भी प्रयास शुरू कर दिये हैं. विवि परिसर में कैसे शैक्षणिक माहौल बनें, कैसे परिसर साफ […]

अमित रंजन/कृष्णकुमार, दरभंगाः ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साकेत कुशवाहा को पदभार संभाले एक माह से अधिक बीत चुका है. इस दौरान श्री कुशवाहा ने न सिर्फ यहां की कार्यसंस्कृति को समझा बल्कि उसमें अपेक्षित सुधार के भी प्रयास शुरू कर दिये हैं. विवि परिसर में कैसे शैक्षणिक माहौल बनें, कैसे परिसर साफ व स्वच्छ रहे, शिक्षकों की समस्याओं का कैसे निराकरण हो, इन सभी बिंदुओं पर कुलपति ने शुक्रवार को प्रभात खबर से लंबी बातचीत की.

प्रस्तुत है प्रमुख अंश –

सवाल : शिक्षकों की प्रोन्नति व वेतनमान के मुद्दे पर आपकी क्या योजना है?

जवाब : ड्राफ्ट एक्ट वेबसाइट पर लोड हो रहा है. प्रोन्नति व वेतनमान के मुद्दे पर काम चल रहा है. वेतनमान संबंधी भी कई शिकायतें मिली हैं. सब पर विचार हो रहा है. शीघ्र ही समस्याओं का निदान होगा.

सवाल : विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने की ओर विवि प्रशासन क्या कदम उठाने जा रहा है?

जवाब : इसमें सबसे पहले मैं आम लोगों से यह अपील करना चाहूंगा कि विवि परिसर को शिक्षा का केंद्र ही रहने दें. इसे चारागाह नहीं बनायें. आज स्थिति यह है कि यहां-वहां मवेशी घूमते नजर आते हैं. इससे माहौल पर विपरित असर पड़ता है.

मैंने नोटिस निकलवा दिया है कि एक अप्रैल के बाद से यदि किसी का मवेशी विवि परिसर में पाया जायेगा तो उसे काजी हाउस में भेजवा दिया जायेगा. इसके अलावा विवि परिसर में रह रहे कर्मियों से भी मेरा आग्रह है कि अगर वे क्वार्टर में रहते हैं और मवेशी पाल रखे हैं तो उसे अविलंब हटा दें. अन्यथा आवास खाली कर दें. मवेशी के साथ आप विवि क्वार्टर में नहीं रह सकते. वैसे ही मुख्य गेट के दोनों तरफ छोटी-छोटी दुकानें हैं. वहां गóोवाले जूस बेचते रहते हैं. इन सबको व्यवस्थित करने के लिए मैं लोगों से सुझाव मांगता हूं. ताकि किसी को परेशानी भी नहीं हो और विवि परिसर स्वच्छ दिखे. एक विचार है कि ऐसी जगह बनें जहां मैदान भी हो, लोग वहां आयें एक गांव जैसा सुंदर माहौल वहां हो.

सवाल : विवि की कार्यसंस्कृति को लेकर क्या कहेंगे?

जवाब : विविकर्मियों में मैंने कार्य करने की ललक देखी है. वर्तमान में हैंड की कमी है. रिटायरमेंट के बाद नयी बहाली नहीं हो पा रही है. इसलिए थोड़ी दिक्कत हो रही है. मैं एक बात और कहना चाहूंगा कि अपने मसले लेकर सीधे कोर्ट चले जाने से बचें. पहले विवि स्तर पर बात करें. उसका निबटारा नहीं हो तो फिर कहीं जायें. अंत में होली की सभी शिक्षकों, कर्मियों व छात्रों को शुभकामनाएं.

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