मनमानी. कचरा िगराने पर भड़कीं वार्ड पार्षद
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ट्रैक्टर चालक की पार्षद ने की पिटाई
मनमानी. कचरा िगराने पर भड़कीं वार्ड पार्षद पार्षद व उसके सहयोिगयों ने चालक के कपड़े भी फाड़ डाले मेयर ने किया मामला सलटाने का किया प्रयास, नहीं माने चालक आज से जेसीबी व ट्रैक्टर चालक करेंगे कार्य का बहिष्कार दरभंगा : कटहलबाड़ी एफसीआइ गोदाम के निकट वार्ड 13 से उठाये गये कचरा गिराने पर बुधवार […]
पार्षद व उसके सहयोिगयों ने चालक के कपड़े भी फाड़ डाले
मेयर ने किया मामला सलटाने का किया प्रयास, नहीं माने चालक
आज से जेसीबी व ट्रैक्टर चालक करेंगे कार्य का बहिष्कार
दरभंगा : कटहलबाड़ी एफसीआइ गोदाम के निकट वार्ड 13 से उठाये गये कचरा गिराने पर बुधवार को स्थानीय वार्ड पार्षद निशा कुमारी ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ ट्रैक्टर चालक रमेश यादव की जमकर पिटाई कर दी. उसके कपड़े भी फाड़ डाले. पार्षद ने निगम के दोनों ट्रैक्टरों को विश्वविद्यालय थाना में जब्त करा दिया. इस घटना की जानकारी मिलने पर मेयर गौड़ी पासवान पहल को पहुंचे लेकिन पार्षद व ट्रैक्टर चालक के बीच पहल नहीं हो सकी. ट्रैक्टर एवं जेसीबी के चालकों ने घोषणा की है कि जब तक कचरा गिराने के लिए डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक ट्रैक्टर चालक कचरा का उठाव नहीं करेंगे.
वार्ड नंबर 13 में नाला सफाई के क्रम में निकले शील्ड को ट्रैक्टर चालक रमेश यादव एफसीआइ गोदाम के निकट गिराने पहुंचे. इससे पूर्व शंकर सिंह भी दूसरा ट्रैक्टर लेकर वहां कचरा गिराने पहुंचा. दोनों ट्रैक्टर ड्राइवरों को कचरा गिराते देख पार्षद निशा कुमारी वहां पहुंची और स्वयं रमेश यादव की पिटाई करने लगी.
पार्षद के साथ चार अन्य लोगों ने भी रमेश यादव की जमकर पिटाई की तथा उसके कपड़े भी फाड़ डाले. दूसरा ट्रैक्टर ड्राइवर शंकर सिंह ट्रैक्टर छोड़कर भाग निकला. इसके बाद पार्षद ने निगम के उन दोनों ट्रैक्टरों को थाना पर ले जाकर जब्त करा दी. इसकी जानकारी मिलने पर निगम के सफाई कर्मी व ट्रैक्टर चालकगण निगम कार्यालय पहुंचे.
कचरा उठाव बंद करने की घोषणा
सबों ने बैठक कर आगामी 12 मई से कचरा उठाव संबंधी बंद करने की घोषणा की है. मेयर गौड़ी पासवान ने पार्षद एवं ट्रैक्टर चालक से बात कर मामला को सलटाने का प्रयास किया, लेकिन ट्रैक्टर चालक इस बात पर अड़े रहे कि पार्षद के अलावा जिन चार लोगों ने रमेश यादव की पिटाई की है, वे निगम कार्यालय आकर सफाई कर्मियों के समक्ष माफी मांगे. ऐसी स्थिति में मेयर वहां से विदा हो गये.
ज्ञात हो कि करीब ग्यारह वर्ष पूर्व राज्य सरकार ने कचरा प्रबंधन के लिए डंपिंग ग्राउंड की जमीन खरीदने के लिए 50 लाख रुपये स्वीकृत किये थे. तब से यह राशि नगर निगम की खाता में पड़ा है. प्रतिदिन पूरे शहर से निकलनेवाले कचरे को जहां-तहां सड़क के किनारे फेंक कर निगम के ट्रैक्टर चालक अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं.
जहां-तहां कचरा गिराने के क्रम में इन ट्रैक्टर चालकों की दर्जनों बार पिटाई हो चुकी है. अब जब पार्षद भी इन ट्रैक्टर चालकों की मजबूरी या विवशता पर तरस नहीं खाती तो भला आमजन इनपर क्यों रहम करेगा. ज्ञात हो कि जब-जब कचरा गिराने को ले ट्रैक्टर चालकों की पिटाई होती है तो निगम प्रशासन हड़कत में आता है. शीघ्र ही डंपिंग ग्राउंड का आश्वासन दिया जाता है लेकिन कुछ दिन बाद ही सारे अधिकारी इसे भूल जाते हैं. अब देखना है कि ट्रैक्टर चालकों की हड़ताल के बाद नगर निगम प्रशासन किस रूप में इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करता है.
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