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नैनो टेक्नोलॉजी का क्षेत्र व्यापक : डॉ अशीत

नैनो टेक्नोलॉजी का क्षेत्र व्यापक : डाॅ अशीत विश्व स्वास्थ्य दिवस पर नैनो साइंस इन हेल्थ विषय पर संगोष्ठी आयोजित फोटो ::::3,4परिचय : संबोधित करते चिकित्सक, मौजूद छात्राएंदरभंगा. नैनो टेक्नोलॉजी का क्षेत्र व्यापक है. अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी, इंजीनियरिंग से लेकर औषधि-स्वास्थ्य आदि में नेनौ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है. वस्तुत: नैनो टेक्नालॉजी वह अप्लाइड साइंस […]

नैनो टेक्नोलॉजी का क्षेत्र व्यापक : डाॅ अशीत विश्व स्वास्थ्य दिवस पर नैनो साइंस इन हेल्थ विषय पर संगोष्ठी आयोजित फोटो ::::3,4परिचय : संबोधित करते चिकित्सक, मौजूद छात्राएंदरभंगा. नैनो टेक्नोलॉजी का क्षेत्र व्यापक है. अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी, इंजीनियरिंग से लेकर औषधि-स्वास्थ्य आदि में नेनौ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है. वस्तुत: नैनो टेक्नालॉजी वह अप्लाइड साइंस है जिसमें 100 नैनोमीटर से छोटे पार्टिकल्स पर भी काम किया जाता है. बायो मेडिकल अनुसंधान में तो नैनो मेडिसिन ने जैसे करिश्मा कर दिखाया है. इस करिश्मे के पीछे है छोटे-छोटे नैनो पार्टिकल्स. कोशिकाओं में ये बिना रोक-टोक के घूम-फिर सकते है. उक्त बातें स्वयंसेवी संस्था डॉ प्रभात दास फाउंडेशन एवं नागेेंद्र झा महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर ‘नैनो साइंस इन हेल्थ’ विषयक संगोष्ठी में भाषण देते हुए डीएमसीएच के डॉ अशीत कुमार ने कही. उन्होंने बताया कि नैनो साइंस की बदौलत चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है. कैंसर एवं मधुमेह जैसी बीमारियों के लिए यह सर्वाधिक उपयुक्त है. इसके जरिए बीमारी का इलाज टारगेट कर किया जा सकता है. दवाई की मात्रा ओटोमेटिक बढ़ाई-घटाई जा सकती है. सर्जरी का निशान भी मानव शरीर पर नहीं रहेगा और इस क्षेत्र में बेहतर अनुसंधान होने के पश्चात कई बीमारियों का इलाज आसान हो जायेगा. लनामिवि के भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि आनेवाला समय नैनो साइंस का है?. यही वजह है लनामिवि में अमेरिका के सहयोग से नैनो सांइस विभाग खोला जा रहा है. इसके खुलने से यहां के छात्र-छात्राओं को सर्वाधिक फायदा होगा. विद्यार्थियों के लिए इसमें असीम संभावनाएं हैं. पूर्व डीएमसीएच अधीक्षक डॉ सूरज नायक ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस को पूरे विश्व में ‘मधुमेह डे’ के रूप में माना जा रहा है. ताकि पूरे विश्व से मधुमेह का खात्मा हो सके. वक्ताओं ने छात्राओं के प्रश्नों का उत्तर भी दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ ऋषि कुमार राय ने की. संचालन डॉ महादेव झा ने किया. राज्य समन्वयक मुकेश कुमार झा ने स्वागत किया.मौके पर प्रो़ शहनाज बेगम, प्रो़ अर्चना चौधरी, प्रो़ अरिवंद कुमार झा, डॉ अर्पना झा, कमोद कुमार झा, फाउंडेशन के राजकुमार गणेशन, अनिल कुमार सिंह, मनीष आनंद, रवींद्र चौधरी आदि मौजूद थे.

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