सिंहवाड़ा : सिमरी थाना में तोड़फोड़,आगजनी एवं सड़क जाम करने के मामले में 500 अज्ञात लोगों के विरुद्ध थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. जबकि 35 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. कुछ नाबालिग को भी पकड़ा गया है जिसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.
प्राथमिकी में माधोपुर बस्तबाड़ा पंचायत के मुखिया विसुनदेव दास, सिमरी मुखिया के भैंसूर नवीन राउत, जिला परिषद सदस्य ओम प्रकाश ठाकुर,मनोज मंडल समेत पांच सौ अज्ञात व्यक्तियों के नाम शामिल हैं. आयुक्त आरके खंडेलवाल, आइजी अमित कुमार जैन एवं डीआइजी उमाशंकर सुधांशु बुधवार की शाम से ही सिमरी थाना पर कैम्प किये हुए थे.
जबकि जिलाधिकारी कुमार रवि एवं वरीय पुलिस अधीक्षक एके सत्यार्थी के नेतृत्व में वरीय अधिकारियों के द्वारा सिमरी थाना क्षेत्र के आसपास के सभी गांवों में रात्रि गश्ती की गयी. जगह जगह मजिस्ट्रेट की तैनाती कर पुलिस बल को रखा गया है, जिससे किसी प्रकार का उपद्रव नहीं हो सके.
इसके अलावा पुलिस के गुरुवार की सुबह से ही सिटी एसपी हर किशोर राय, बीडीओ एवं सीओ के नेतृत्व में फ्लैग मार्च निकाला गया. सिमरी चौक, बाजार, बस्तबाड़ा, मनिहास, अतरबेल समेत अन्य स्थानों पर फलैग मार्च निकाला गया.सिमरी थानाध्यक्ष लाइन हाजिर डीआईजी के आदेश पर सिमरी थानाध्यक्ष दिनेश पासवान को सिमरी से तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है. उनकी जगह नगर थाना में पदस्थापित अवर निरीक्षक राजन कुमार तत्काल प्रभाव से थानाध्यक्ष की कमान सौंपी गयी है.
एसएसपी के निर्देश पर राजन कुमार ने गुरुवार की सुबह ही थानाध्यक्ष का पद्भारग ग्रहण कर लिया. वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की हो रही पहचान तोड़फोड़ एवं आगजनी के दौरान प्रशासन के द्वार वीडियोग्राफी करायी गयी थी. उस फुटेज के आधार पर जिलाधिकारी कुमार रवि एवं वरीय पुलिस अधीक्षक एके सत्यार्थी के द्वारा मतदाता सूची के आधार पर बीएलओ से पहचान करायी जा रही है.
प्रशासन बस्तबाड़ा में कुरवार फोड़ने में शामिल असामाजिक तत्वों की भी पहचान कर रही है. जिसके कारण इतनी बड़ी घटना घटी. वहीं अपर समाहर्ता को इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिये गये हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. दूसरे दिन भी बाजार में पसरा रहा सन्नाटा सिमरी थाना पर हुई घटना को लेकर गुरुवार को दूसरे दिन भी सिमरी एवं बस्तवारा की सभी दुकानें बंद रही.
इसके कारण बाजार में सन्नाटा पसरा रहा. वही आवश्यक वस्तु की खरीदारी के लिये लोग परेशान रहे. दहशत के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकले. हालांकि प्रशासन के द्वारा फ्लैग मार्च कर लोगों में शांति व्यवस्था का भरोसा दिलाया जाता रहा.