10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्लस टू वद्यिालयों में कंप्यूटर शक्षिा बदहाल

प्लस टू विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा बदहाल \\\\टं३३ी१त्र/रकंप्यूटर बनी शोभा की वस्तुशिक्षकों की है घोर कमी धुल फांक रहा है यूपीएस व मोनिटर सैंकड़ों छात्रों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़72 विद्यालयों की कमोबेश एक सी स्थिति दरभंगा : जिले के प्लस टू विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा की बदहाल स्थिति है. कंप्यूटर है किंतु यह […]

प्लस टू विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा बदहाल \\\\टं३३ी१त्र/रकंप्यूटर बनी शोभा की वस्तुशिक्षकों की है घोर कमी धुल फांक रहा है यूपीएस व मोनिटर सैंकड़ों छात्रों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़72 विद्यालयों की कमोबेश एक सी स्थिति दरभंगा : जिले के प्लस टू विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा की बदहाल स्थिति है. कंप्यूटर है किंतु यह शोभा की वस्तु बनी हुई है. कंप्यूटर कक्ष की हालत देखने से पता चलता है कि महीनों से इसका उपयोग नहीं किया गया है. कई स्कूलों में अबतक इनका कनेक्शन बिजली से नहीं हो पाया है तो कई स्कूलों में इसके सहायक सामग्री यूपीएस, मोनिटर आदि पर धुलों की मोटी परत जमी हुई है. एक ओर जहां कंप्यूटर युग में पग-पग पर इसकी जरूरत पड़ती है. इस क्षेत्र में अपने कैरियर बनाने के इच्छुक सैंकड़ों छात्रों के लिए इसकी शिक्षा की जरूरत है, वहीं दूसरी ओर उत्क्रमित +2 विद्यालयों में इसकी शिक्षा विरले मिल रहा है. ऐसे में इन विद्यालयों में नामांकित हजारों छात्रों का भविष्य किस प्रकार तैयार हो रहा है, इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं होगा. जिले के 72 हाइस्कूलों को जब से प्लस टू का दर्जा मिला है तब से इसकी पढ़ाई ठीक ढंग से शुरू नहीं हो पाया है. शुरू में इन विद्यालयों के पास कंप्यूटर व कंप्यूटर कक्ष नहीं थे. जब इन विद्यालयों को बेलट्रॉन से कंप्यूटर मुहैया कराया गया तो इसके कक्ष का अभाव खटका. अब जब कक्ष मिला तो शिक्षक नहीं है. इस तरह से कई प्लस टू विद्यालयों को दर्जा मिले करीब पांच वर्ष हो गये, किंतु इन विद्यालयों में कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू नहीं हो पायी है. /इशिक्षकों की कमी /इप्लस टू का दर्जा मिले हाइस्कूलों में कंप्यूटर की शिक्षा में मुख्य बाधक शिक्षकों की कमी है. प्राय: विद्यालयों में अबतक कंप्यूटर शिक्षक बहाल नहीं हो पाये हैं. इन विद्यालयों में इस शिक्षक की योग्यता में टीइटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है, जबकि इस विषय में पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या बेहद कम है. वहीं नियोजन की प्रक्रिया में आयी अड़चन को लेकर भी इन विद्यालयों को कंप्यूटर शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं. /इधुल फांक रहा यूपीएस व मोनिटर /इशहर से सुदूरवर्ती इलाकों की कमोबेश स्थिति एक जैसी है. कंप्यूटर कक्ष के इस्तेमाल नहीं होने के कारण मोनिटर, यूपीएस, सीपीयू आदि पर धुल की मोटी परत देखी जा सकती है. कई कंप्यूटर कक्ष तो महीनों से खुले तक नहीं है. इसमें पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि जबसे उन्होंने दाखिला लिया है, तबसे इस कक्ष में क्या है इसकी जानकारी तक नहीं है. /इजेनेरेटर हो रहे खराब /इजिन विद्यालयों को कंप्यूटर चलाने के लिए जेनेरेटर की सुविधा दी गयी है वे भी बेकाम पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं. इसके उपयोग नहीं होने एवं सही रखरखाव के कारण यह उपयोग लायक नहीं रह जाये तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. कई छात्रों का तो यहां तक कहना है कि जेनेरेटर के नाम पर डीजल का बंदरबांट हो रहा है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. /इछात्रों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़ /इप्लस टू विद्यालयों के सैंकड़ों छात्रों ने कंप्यूटर को अपने विषय के रूप में चुना है. इन छात्रों को इसकी शिक्षा नहीं मिलने के कारण इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इनके कैरियरर की जमीन किस प्रकार की तैयार हो रही है, इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं होगा. जानकारों की मानें तो इन कक्षाओं की पढ़ाई शुरू करने से पूर्व सभी आवश्यक तैयारी करने को अनिवार्य बताते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें