दरभंगाः विगत पांच दशक से मिथिलांचल की राजनीति पर यदि गौर करें तो राजनीतिज्ञों की वंशवादी परंपरा स्पष्ट दिखती है. मंच पर अधिकांश दलों के नेता वंशवादी परंपरा को भले ही कोसते हों, लेकिन अपने पाल्यों को राजनीति में उतारने से नहीं चूकते.
इसमें लगभग सभी दलों की सहभागिता है. कांग्रेस के सकूर अहमद के पुत्र डॉ शकील अहमद, स्व ललित नारायण मिश्र के पुत्र विजय कुमार मिश्र, डॉ नागेंद्र झा के पुत्र डॉ मदन मोहन झा, डॉ जगन्नाथ मिश्र के पुत्र नीतीश मिश्र, स्व हरिश्चंद्र झा के पुत्र बैद्यनाथ झा बैजू, स्व नीलाम्बर चौधरी के पुत्र डॉ दिलीप कुमार चौधरी, स्व रमावल्लभ जालान के पुत्र अजय कुमार जालान, विजय कुमार मिश्र के पुत्र ऋषि मिश्र, राजकुमार महासेठ के पुत्र समीर महासेठ, मो अली अशरफ फातमी के पुत्र डॉ फराज फातमी, हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र अशोक यादव, स्व कफील अहमद कैफी के पुत्र डॉ शाहनवाज कैफी अबतक इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. अब देखना है कि आगामी चुनाव में कितने नेता पुत्रों का लॉचिंग होती है.