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जजर्र सजिर्कल भवन में बाल-बाल बचे मरीज
दरभंगा : डीएमसीएच में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया. सीसीडब्ल्यू के पुरुष व महिला वार्ड के कॉरिडोर के रास्ते के छत से एक साथ तीन जगहों पर तीन टुकड़ा गिर पड़ा. इसको लेकर वहां भगदड़ मच गई. सुबह के शिफ्ट में तैनात स्टाफ नर्स भी बाहर आ गयीं. छत से टुकड़ा गिरने के […]
दरभंगा : डीएमसीएच में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया. सीसीडब्ल्यू के पुरुष व महिला वार्ड के कॉरिडोर के रास्ते के छत से एक साथ तीन जगहों पर तीन टुकड़ा गिर पड़ा. इसको लेकर वहां भगदड़ मच गई.
सुबह के शिफ्ट में तैनात स्टाफ नर्स भी बाहर आ गयीं. छत से टुकड़ा गिरने के पहले ट्राली मैन एक मरीज को इमरजेंसी वार्ड से सीसीडब्ल्यू के महिला वार्ड में ले गया था. प्रत्यकेदिन सुबह के शिफ्ट में यहां से मरीजों को अन्य वाडरें में ले जाया जाता है. इसके पूर्व आयी बरसात में इस भवन के अधिकांश छज्जे गिर चुके हैं.
भवन जजर्र हो चुका है. इसको लेकर भवन निर्माण विभाग ने दो साल पूर्व हीइस भवन को क्षतिग्रस्त घोषित कर दिया है. अप्रैल और मई में आये भूकम्प के बाद सरकार ने इस जजर्र भवन की मरम्मत के लिए 70 लाख से अधिक राशि का आवंटन किया. टेंडर से पूर्व एक ठेकेदार को मरम्मत करने का निर्देश भी दिया गया था.
इसके बाद इस मरम्मत के लिए टेंडर निकाला गया, लेकिन एकल टेंडर आने के कारण मरम्मत कार्य ठप हो गया. डीएमसी के प्राचार्य डा. आरके सिन्हा ने बताया कि दोबारा टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है. बता दें कि सजिर्कल भवन का उद्घाटन 1983 में हुआ था. इसमें 372 मरीजों के रहने के लिए इंतजाम किये गये थे. इस भवन में विभागों के चैम्बर, डॉक्टरों के चैम्बर और ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था है. ऐसे में कहना अनुचित नहीं होगा कि सब भगवान भरोसे है.
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