बेनीपुर : स्थानीय व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने विगत तीन साल पूर्व घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के बाथ गांव में हुई अधेड़ की हत्या के मामले में मंगलवार को एक नामजद अभियुक्त उपेंद्र मुखिया को सश्रम कारावास एवं 10 हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई है. उपेन्द्र को धारा 448 में एक साल तथा धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जबकि एक अभियुक्त सरोज मुखिया को बरी कर दिया गया.
न्यायालय सूत्रों के अनुसार विगत छह मई 2015 को घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के बाथ निवासी विजय कामति ने थाना में आवेदन देकर गांव के ही उपेंद्र मुखिया, योगी मुखिया, सरोज मुखिया, गुलाब देवी, बेचनी देवी, अंजू देवी एवं बिंदु देवी पर लाठी से प्रहार कर उनके पिता गणेश कामति की हत्या कर दिए जाने का 115/15 कांड दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने कहा था कि उनके घर सामने राम उदगार झा का आम का बगीचा है. इसमें तीन जून 2015 को गणेश की पोती ने आम तोड़ लिया था.
इसे लेकर दोनों में विवाद हो गया. दूसरे दिन इसे लेकर गांव में पंचायत भी हुई. इसके बावजूद पांच जून को सभी अभियुक्तों ने सुबह में उसे घेर कर सिर पर लाठी से प्रहार कर जख्मी कर दिया. इससे कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बात सुनते हुये साक्ष्य के आधार पर उपेंद्र मुखिया को दोषी करार देते हुये सजा सुनाई है. वहीं सरोज मुखिया को बरी कर दिया गया. लोक अभियोजक चक्रपाणि चौधरी ने बताया कि आज एक अभियुक्त को फैसला सुनाया गया है. शेष अन्य अभियुक्तों का मामला अभी न्यायालय में चल ही रहा है. बचाव पक्ष से अधिवक्ता रामचंद्र यादव बहस कर रहे थे. वहीं अपने को निर्दोष बताते हुये सजायाफ्ता उपेन्द्र मुखिया ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि इस फैसले के विरुद्ध उच्च न्यायालय जायेंगे.