बेतिया : क तरफ एमजेके अस्पताल में कैदी वार्ड की मजबूती के नाम पर मरम्मती का काम कराया जा रहा है,तो दूसरी तरफ मरम्मती के नाम पर सर्जिकल वार्ड की ओर जाने वाली सड़क की ईट निकाल कर गढ्ढा बना दिया गया है. सड़क से निकले गये ईट का प्रयोग कैदी वार्ड की जर्जर हुई खिड़की के मरम्मती का काम किया जा रहा है.
इस काम को अस्पताल प्रशासन की ओर से ही कराया जा रहा है. जबकि इस सड़क को बने एक साल से भी ज्यादा समय नहीं गुजरा है. कैदी वार्ड की मजबूती जरूरी है, पर सड़क उखाड़ कर उसका ईट का प्रयोग करना कहां तक उचित है? यह अस्पताल प्रशासन के कार्य शैली पर हीं सवाल खड़ा कर दिया है.
कैदी वार्ड की मजबूती को ले एसडीपीओ ने दिया था निर्देश
हाल के दिनों कैदी वार्ड से बंदी भाग रहे हैं. कारण की कैदी वार्ड की खिड़की, दरबाजे व शौचालय काफी कमजोर हैं. इसका फायदा उठाकर बंदी भागते रहें हैं. एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ संजय कुमार झा ने कैदी वार्ड का निरीक्षण किया था. अस्पताल अधीक्षक को कैदी वार्ड को मजबूत करने का निर्देश दिया था.
फंड नहीं, तो उखाड़ दी सड़क
अस्पताल अधीक्षक डा. अरुण कुमार सिंह ने बताया कि फंड नहीं होने के कारण सड़क का ईट उखाड़ कर कैदी वार्ड मजबूतीकरण में लगाया गया है. कारण कि पुलिस प्रशासन की ओर से कैदी वार्ड की मजबूती की बात कही गयी थी. अब सवाल यह उठता है कि क्या किसी निर्देश के नाम पर अस्पताल की सड़क उखाड़ दी जाय? क्या फंड के अभाव में केवल का हीं खर्च लगता? जबकि निर्माण कार्य में सीमेंट, लेबर, बालू भी लगा होगा. इसके लिए कहां से पैसा आया? इस संबंध में अधीक्षक कुछ भी बताने से इंकार कर दिये.