बेतिया. कविवर गोपाल सिंह ‘नेपाली’ की 105वीं जयंती समारोह मंगलवार को ङिालिया स्थित विद्या वाटिका स्कूल परिसर में मनायी गयी. जिले के वरीय साहित्यकारों की मौजूदगी में एडीजी विधि व्यवस्था आलोक राज दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
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देश एक, कर्म एक, लक्ष्य एक है
बेतिया. कविवर गोपाल सिंह ‘नेपाली’ की 105वीं जयंती समारोह मंगलवार को ङिालिया स्थित विद्या वाटिका स्कूल परिसर में मनायी गयी. जिले के वरीय साहित्यकारों की मौजूदगी में एडीजी विधि व्यवस्था आलोक राज दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता एडीजी आलोक ने कहा कि नेपाली जी के जन्मभूमि में आकर गौरवान्वित महसूस […]
कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता एडीजी आलोक ने कहा कि नेपाली जी के जन्मभूमि में आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. नेपाली जी के रचनाओं से पता चलता है कि वह साधारण मनुष्य नहीं थे, वह दर्शन के प्रकांड विद्वान व महान कवि थे.
साहित्य और कविता के क्षेत्र में कोई ऐसा स्थान नहीं होगा जहां कोई कविवर नेपाली को नहीं जानता हो. उन्होंने कहा कि स्कूल के दिनों में नेपाली जी को पढ़ा था.
तीन माह पूर्व जब शास्त्रीय संगीत की शिक्षा शुरू की तो नेपाली जी को और करीब से जानने का मौका मिला. हमने और हमारे साहित्यिक गुरू ने मिलकर कविवर की रचनाओं को गीत का रूप दिया है. जिसे कई बार मंच से मैं गा चुका हूं.
नेपाली फाउंडेशन के संरक्षक साहित्यकार कुमार अरूणोदय ने कहा कि कविवर गोपाल सिंह नेपाली हमारी आत्मा हैं,श्वास है, वायु है.
जिसे याद करने की जरूरत नहीं है. वह तो हमेशा हमारे पास रहते हैं. कवि दिनेश भ्रमर ने कहा कि नेपाली जी की रचनाएं उन्हें हमेशा से प्रेरित करती रही है. मंच पर वरीय साहित्यकार कैलाश नाथ तिवारी, डा रविकेश मिश्र, नर्वदा मिश्र, प्रो. विनय कुमार मिश्र, नंद कुमार मिश्र, राजीव रंजन मौजूद रहे.
इसके पूर्व कविवर गोपाल सिंह नेपाली के चित्र पर माल्यार्पण किया गया. इसके बाद मंचासीन एडीजी व साहित्यकारों को पुष्प गुच्छ व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया. साहित्यकारों ने अपनी-अपनी रचनाओं से कविवर को श्रद्धांजलि अर्पित की.
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