मझौलिया/सरिसवा : तिरुवाह क्षेत्र की महनवा, डुमरी, हरपुर, गढ़वा, पारसा, बरवां सेमरा घाट,गुदरा आदि सात पंचायतों के बाढ़ पीड़ितों ने मंगलवार को अंचल कार्यालय का घेराव व उग्र प्रदर्शन करते हुए सीओ को घंटों बंधक बनाये रखा. इस क्रम में स्कूल चौक से बाजार होते हुए प्रखंड मुख्यालय तक एक जुलूस की शक्ल में बाढ़ पीड़ित सैकड़ों महिला व पुरुषों ने हाथ में तख्ती लिये मार्च निकाला. इसमें बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दो, अंचलाधिकारी मुर्दाबाद, अंचल प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाये.
सीओ ने आश्वासन दिया कि इसका रिपोर्ट जिले को भेजा जाएगा और जिले से अनुशंसित पैसा को बाढ़ पीड़ित के खाते में सीधे भेजी जाएगी. इसके बावजूद भी लोग शांत नहीं हुए. लोगों का कहना था कि जिले से जब तक वरीय अधिकारी नहीं आयेंगे, वे लोग घर नहीं जायेगे. प्रखंड व अंचल कार्यालय में पुरुष एवं महिलाएं डटी रहीं.
ग्रामीणों का आरोप था कि सिकरहना नदी के बाढ़ के कारण उनके जाने आने का रास्ता बंद है. बाढ़ का पानी रास्ते पर चल रहा है एवं कितने लोगों के घर में भी पानी घुस गया है. सरिसवा महनवा मुख्य पथ में चिमनी के समीप करीब चार से पांच फीट पानी तेज गति से बह रहा है. खासकर गर्भवती महिलाएं एवं बीमार पड़े लोगों को इलाज कराने के लिए ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जबकि इस बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र के लोगों को अधिकारियों द्वारा कोई सहायता राशि नहीं मिल रही है.
डुमरी पंचायत के मुखिया पति प्रवीण कुमार राय उर्फ सोनू राय, रमपुरवा महनवा के मुखिया राम लखन ठाकुर, उप मुखिया हसमत अली, सुरेंद्र पाल, पंचायत समिति सदस्य खुशबू नेशा के नेतृत्व में हजारों की संख्या में बाढ़ से प्रभावित लोग अंचल कार्यालय में पहुंचकर सीओ को घंटों बंधक बनाए रखा. बताते चलें कि मझौलिया प्रखंड के सरिसवा पंचायत, बरवा सेमरा घाट पंचायत, हरपुर गढ़वा पंचायत, रमपुरवा महनवा पंचायत, डुमरी पंचायत, बहुअरवा पंचायत, परसा पंचायत, बखरिया पंचायत आदि बाढ़ से प्रभावित है.
इन क्षेत्रों के किसानों को लाखों लाख रुपये की फसल नुकसान हो गई है. इनमें सबसे अधिक धान है. बाढ़ के आने से कई क्षेत्रों का आवागमन भी ठप हो गया है. इसको लेकर लोगों में त्राहिमाम मचा हुआ है. प्रशासन की ओर से किसी भी बाढ़ पीड़ितों के लिए अभी तो कोई सहायता राशि प्रदान नहीं की गई है. मौके पर अवध यादव, हसमत अली, हारून अंसारी, गुलजार मियां, असमा खातून, मनोरमा देवी, सुघांती देवी, बकरीदी मियां, भीखम राम, आइसा खातून समेत अन्य मौजूद रहे.