शहर को इतनी बिजली मिल रही है कि 24 घंटे सप्लाई बहाल रहे. यह हम नहीं खुद ग्रिड के अधिकारी बता रहे हैं, लेकिन वितरण घर ही यह बिजली उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा पा रहा है. नतीजा शहर में एक बार फिर से बेतहाशा कटौती शुरू हो गयी है.
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ग्रिड में फुल लोड, शहर में बेतहाशा कटौती
शहर को इतनी बिजली मिल रही है कि 24 घंटे सप्लाई बहाल रहे. यह हम नहीं खुद ग्रिड के अधिकारी बता रहे हैं, लेकिन वितरण घर ही यह बिजली उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा पा रहा है. नतीजा शहर में एक बार फिर से बेतहाशा कटौती शुरू हो गयी है. बेतिया : गर्मी बढ़ते ही शहर […]
बेतिया : गर्मी बढ़ते ही शहर में बेतहाशा बिजली कटौती शुरू हो गयी है. लोकल फॉल्ट, फ्यूज, जंफर व तार टूटने के मामले भी बढ़ गये हैं. इधर, एक सप्ताह से तो 24 घंटे में बमुश्किल आठ से दस घंटे भी लगातार बिजली नहीं मिली है. आंख-मिचौली शुरू हो गई है.
खासकर पीक ऑवर यानि शाम से समय शहर के कई इलाके बिजली नहीं रहने के चलते अंधेरे में हो जा रहे हैं. दिन के अलावे रात में भी अघोषित बिजली कटौती की जा रही है. यह हाल तब है,
जब बारी टोला ग्रिड में बिजली की भरपूर उपलब्धता है. बावजूद इसके शहर में बेतहाशा कटौती हो रही है. हालांकि पूर्व में शहर में बिजली आपूर्ति बेहद ही सुचारू था. 24 घंटे में 20 से 22 घंटे बिजली मिलती थी, लेकिन इधर एक सप्ताह से गर्मी बढ़ी है तो इसके साथ ही बिजली कटौती भी शुरू हो गया है. जबकि अब भी ग्रिड में उतनी ही बिजली उपलब्ध है, जितनी पहले होती थी. तार, ट्रांसफार्मर और उपकरण भी वहीं हैं, जो पहले थे. लेकिन, अचानक बिजली आपूर्ति अनियमित होने से लोगों की बेचैनी बढ़ गई हैं. रात की कटौती लोगों की दिनचर्या पर असर डालने लगी है. जबकि शाम से समय की जा रही कटौती से व्यवसायियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.
समझिए शहर की बिजली का गणित : नौरंगाबाग व मंशाटोला विद्युत सब स्टेशन से शहर में कुल चार फीडरों के माध्यम से बिजली सप्लाई की जाती है. इसमें से शहर में बिजली आपूर्ति के लिए मंशा टोला को 20 व नौरंगाबाग को आठ मेगावॉट बिजली की जरूरत है. दोनों मिलाकर 28 मेगावॉट बिजली शहर में आपूर्ति के लिए चाहिये. इसके सापेक्ष ग्रिड में 58 से 59 मेगावॉट बिजली उपलब्ध है, लेकिन यह दोनों सब स्टेशन बिजली ले ही नहीं रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक मंशाटोला 20 के सापेक्ष 11 व नौरंगाबाग 8 के सापेक्ष महज 6 मेगावॉट बिजली ही ले रहा है. नतीजा ग्रिड में उपलब्धता के बाद भी शहर में कटौती की जा रही है.
फिर बढ़े जेनेरेटर के उपभोक्ता, खेल
गर्मी बढ़ते ही शहर में बेतहाशा बिजली कटौती होने से एक बार फिर जेनेरेटर सप्लाई के ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी हैं. शहरवासियों का कहना है कि जनरेटर संचालकों को लाभ पहुंचाने के लिए जान बूझकर कुछ बिजली इंजीनियरों की ओर से लोड शेडिंग, ब्रेक डाउन इत्यादि का बहाना बनाकर सप्लाई रोकी जा रही है. इससे शहर में बिजली कटौती शुरू हो गई है.
ग्रिड में है भरपूर बिजली
ग्रिड में बिजली की भरपूर उपलब्धता है. डिस्ट्रीब्यूशन ही सप्लाई नहीं ले पा रहा है. जिस सब स्टेशन की जितनी सप्लाई की मांग की जाती है, उतना बिजली दिया जा रहा है. बिजली की कमी नहीं है.
धर्मेंद्र कुमार, एसडीओ ग्रिड
लोड शेडिंग के चलते
आयी परेशानी
बिजली की उपलब्धता के चलते शहर में कटौती नहीं हो रही है. बल्कि लोड शेडिंग, लोकल फाल्ट आदि के चलते कुछ दिक्कतें आ रही हैं. इसे जल्द ही दूर कर लिया जायेगा. सप्लाई सुचारू की जायेगी.
अंकित कुमार, एसडीओ डिस्ट्रीब्यूशन
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