सुस्ती.10 साल बाद भी वार्डों में नहीं पहुंची 14 करोड़ की ‘पेयजल एक्सप्रेस’
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39 वार्डों में बिछायी जानी है पाइप
सुस्ती.10 साल बाद भी वार्डों में नहीं पहुंची 14 करोड़ की ‘पेयजल एक्सप्रेस’ पीएचइडी विभाग के अफसरों ने शहर में जलापूर्ति योजना के लिए नगर परिषद से जिम्मा ले लिया और दस साल बाद भी काम पूरा करके नहीं दिया. अब काम पूरा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है. पर, यह असंभव दिख रहा […]
पीएचइडी विभाग के अफसरों ने शहर में जलापूर्ति योजना के लिए नगर परिषद से जिम्मा ले लिया और दस साल बाद भी काम पूरा करके नहीं दिया. अब काम पूरा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है. पर, यह असंभव दिख रहा है. नतीजा नगर परिषद और पीएचइडी में रार मचनी तय है.
बेतिया : जिले में सरकारी अफसरों के लापरवाही की पोल खुलती जा रही है. एक तरफ जहां इंडो-नेपाल बार्डर सड़क को लेकर भू-अर्जन विभाग की सुस्ती से नाराज एजेंसी ने 205 करोड़ का दावा ठोका है तो वहीं नया मामला अब शहर में जलापूर्ति योजना का है.
इसमें अफसरों की सुस्ती इस कदर है कि योजना के चयन के 10 साल बाद भी 39 वार्डों में पाइप तक बिछाया नहीं जा सका है. जलमीनार व घरों तक कनेक्शन की बात तो दूर है. वह भी तब, जब 31 दिसंबर को कार्य पूरा करने की अंतिम तिथि है, लेकिन अभी तक करीब 60 फीसदी कार्य भी नहीं हो सका है.
यह पूरा मामला 14 करोड़ की लागत से शहर में होने वाली जलापूर्ति योजना का है. सरकारी रिकार्ड के मुताबिक, वर्ष 2007 में इस योजना का चयन हुआ था. नगर परिषद ने इसके लिए पीएचइडी को कार्यकारी एजेंसी चयनित कर कार्य का जिम्मा दिया. इसके लिए कुल 14 करोड़ का बजट पारित हुआ.
पहले तो कई साल टेंडर प्रक्रिया में ही यह मामला फंसा रहा. बाद में टेंडर होने के बाद जो कार्य शुरू हुआ, वह आज तक पूरा नहीं हो सका. जबकि योजना के अनुसार, शहर के सभी 39 वार्डों में पाइप बिछाने व तीन जलमीनार बनवायी जानी है. पीएचइडी का दावा है कि चार जोन में बांटकर कराये जा रहे इस कार्य में से दो जोन का कार्य पूरा हो चुका है. वहां सीधे मोटर से पानी की आपूर्ति कर ट्रायल भी किया जा रहा है. तीसरे जोन का कार्य अंतिम चरण में है और चौथे जोन में भी कार्य तेजी से हो रहा है. बता दें कि इस कार्य में लापरवाही को लेकर मुजफ्फरपुर की एक एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा चुका है. बावजूद इसके सुस्ती बरकरार है.
तीन में से महज एक जलमीनार तैयार, बाकी अधूरे : पाइप बिछाने के संग ही पीएचइडी को तीन जलमीनारें भी बनवानी है. इसके लिए संतघाट, उतरवारी पोखरा और पीएचइडी कॉलोनी में जगह चिन्हित किया गया है. इसमें संतघाट में जलजमीनार बन चुका है. जबकि उतरवारी पोखरा में निर्माण अभी चल रहा है. पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि पीएचइडी कॉलोनी में बनने वाले जनजमीनार की डिजाइन बन चुकी है. जल्द ही निर्माण भी शुरू हो जायेगा.
किस जलमीनार से किन वार्डों में जाना है पानी
संतघाट जलमीनार: संतघाट, किशुनबाग, कालीबाग, गंज नंबर एक व दो, राजगुरु चौक, चर्च रोड, गैस लाल चौक .
उतरवारी पोखरा जलमीनार: छावनी, मिर्जा टोली, उतरवारी पोखरा, द्वारदेवी व पुरानी गुदरी .
पीएचइडी कॉलोनी जलमीनार:पावरहाउस, सागरपोखरा, गुलाबबाग, नवरंगा, बसवरिया, कमलनाथनगर, महावत टोली, उज्जैन व कोईरी टोला .
जलापूर्ति योजना के लिए जमीन मिलने में देरी हुई. प्रशासन व नगर परिषद ने एनओसी देने में देरी की. इससे कार्य देर से शुरू हुआ. फिर भी कार्य तेजी से हो रहा है. मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा.
राजेश प्रसाद सिन्हा, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी
31 तक नहीं हुआ पूरा, तो कार्रवाई को लिखेंगे: सभापति
पीएचइडी को कई बार चेतावनी दिया गया है. 31 दिसंबर तक कार्य पूरा करने की अंतिम तिथि है. पूरा नहीं होता है तो बोर्ड में प्रस्ताव के जरिए पीएचइडी के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को अनुशंसा की जायेगी.
गरिमा देवी सिकारिया, सभापति नगर परिषद
जलापूर्ति योजना के लिए जमीन मिलने में देरी हुई. प्रशासन व नगर परिषद ने एनओसी देने में देरी की. इससे कार्य देर से शुरू हुआ. फिर भी कार्य तेजी से हो रहा है. मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा.
राजेश प्रसाद सिन्हा, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी
31 तक नहीं हुआ पूरा, तो कार्रवाई को लिखेंगे: सभापति
पीएचइडी को कई बार चेतावनी दिया गया है. 31 दिसंबर तक कार्य पूरा करने की अंतिम तिथि है. पूरा नहीं होता है तो बोर्ड में प्रस्ताव के जरिए पीएचइडी के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को अनुशंसा की जायेगी.
गरिमा देवी सिकारिया, सभापति नगर परिषद
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