विरोध. हड़ताल से मेडिकल कॉलेज समेत 24 सरकारी अस्पतालों में हुई परेशानी
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सात दिनों में 2993 का हुआ इलाज
विरोध. हड़ताल से मेडिकल कॉलेज समेत 24 सरकारी अस्पतालों में हुई परेशानी बेतिया : एएनएम के बाद अब संविदा डॉक्टर व कर्मियों के भी हड़ताल पर चले जाने से जिले के सरकारी हॉस्पिटलों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी है. इसका असर है कि बीते माह की तुलना में करीब 75 फीसदी मरीजों की संख्या घटी […]
बेतिया : एएनएम के बाद अब संविदा डॉक्टर व कर्मियों के भी हड़ताल पर चले जाने से जिले के सरकारी हॉस्पिटलों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी है. इसका असर है कि बीते माह की तुलना में करीब 75 फीसदी मरीजों की संख्या घटी है. आंकड़ों की माने तो बीते नवंबर माह में सात दिनों में जहां औसत 9750 मरीज का इलाज हुआ था, वह इस माह घटकर 2993 आ गया है. यानि सात दिनों में जिले के 24 सरकारी हॉस्पिटलों ने महज 2993 मरीजों का ही इलाज किया है. बगहा, मझौलिया, नौतन, पिपरासी, चनपटिया, लौरिया, गौनाहा स्वास्थ्य केंद्र व नरकटियागंज अनुमंडलीय हॉस्पिटल का तो सबसे बुरा हाल है.
इन हॉस्पिटलों में तो सात दिनों में आने वाले मरीजों की संख्या दहाई भी पूरी नहीं कर सकी है. आंकड़ों के मुताबिक, जिले के 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो रेफरल, दो अनुमंडलीय व एक सदर सह मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को मिलाकर कुल 24 हॉस्पिटल है. इन सभी हॉस्पिटलों में संचालित ओपीडी में अक्तूबर माह में कुल 53819 मरीजों का इलाज किया गया. इसके बाद नवंबर माह में यह आंकड़ा घटकर 38986 पर आ गया है. इसे दो नवंबर से एएनएम की चल रही हड़ताल से जोड़कर देखा जा रहा है. एएनएम संगठनों ने भी दावा किया है कि उनके हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई है. इधर, चार दिसंबर से संविदा डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी भी हड़ताल पर चले गये हैं. नतीजा इस माह के सात दिनों में महज 2993 मरीजों का ही ओपीडी में इलाज हुआ है. जो कि अन्य माह में मरीजों की हुई जांच की तुलना में 75 फीसदी कम है. इसका खुलासा होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. मरीज जहां हलकान हो रहे हैं वहीं प्राइवेट हॉस्पिटलों में भीड़ कई गुना बढ़ गई है.
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