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अधर में एलइडी योजना िनकाली जायेगी निविदा

मोतिहारी : शहरवासियों को एलइडी रोशनी के लिए अभी और इंतजार करना पडेगा. निविदा की तकनीकी गड़बड़ी की पेंच में फंसी एलईडी योजना को पुरा होने में कुछ माह व वर्ष भी लग सकते है. हालांकि इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी.एलईडी योजना के क्रियान्वय को लेकर जिस तरह की […]

मोतिहारी : शहरवासियों को एलइडी रोशनी के लिए अभी और इंतजार करना पडेगा. निविदा की तकनीकी गड़बड़ी की पेंच में फंसी एलईडी योजना को पुरा होने में कुछ माह व वर्ष भी लग सकते है. हालांकि इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी.एलईडी योजना के क्रियान्वय को लेकर जिस तरह की बात सामने आ रही है इससे सहज यह अंदाज लगाया जा सकता है कि एलइडी की योजना पर एकबार फिर ग्रहन लगने के असार है.

चूकि योजना के क्रियान्वयन को लेकर नप प्रशासन विभागीय मार्ग-दर्शन की राह देख रही है. वही बार-बार पत्राचार के बाद भी विभाग द्वारा इस संबंध में उचित मार्ग-दर्शन नहीं दिया गया. एक तरफ एलइडी पर अग्रतर मार्ग-दर्शन मिले बीना नप प्रशासन अगला कदम उठाने को तैयार नही है. तो विभागीय निदेश के आलोक में टेंडर रद्द होने की स्थिती में कार्य एजेंसी के न्यायालयत तक जाने के कयास लगाये जा रहे है.चूकि वित्तीय अनियमितता के खुलासा के बाद इस योजना के क्रियान्वयन पर नप प्रशासन द्वारा रोक लगा दी गयी है. अधिकारिक जांच में सामने आयी वित्तीय गड़बड़ी में टेंडर को गलत बताया गया है. चूकि इस टेंडर पर अपनी टिप्पनी में जांच अधिकारियों ने ईओं को बीना वित्तीय अधिकार के निविदा के तकनीकी बीड को खोलने के अधिकार नही होने की बात कही है. इससे यह बात स्पट हो गयी है कि टेंडर ही गलत हुयी तो फिर एजेंसी के चयन को भला सही कैसे माना जा सकता है.

20 लाख भुगतान का एजेंसी ने किया डिमांड
निविदा में चयनित गायत्री इलेक्ट्रीकल कार्य एजेंसी ने कार्यादेश प्राप्त होने के साथ तेजी से वार्डों में एलइडी लगाने का काम शुरू कर दिया. निविदा शर्त्त के मुताबिक एजेंसी को एलइडी लाइट लगा कार्यालय को सूचना देनी थी. जिसकी जांच के बाद बिल का भुगतान होना था. ऐसे में दिपावली पर्व को लेकर एजेंसी द्वारा तेजी से कार्य करते हुए छह वार्ड में एलइडी लगाने का काम किया गया. लेकिन भुगतान की प्रक्रिया के पहले ही तत्कालीन इओ पर विभागीय कार्रवाई की गाज गिर गयी और मामला जांच में उलझ गया.
तीन साल से है लंबित
शहर में एलइडी लगाने की योजना पिछले तीन साल से लंबित है. जिला के सभी निकाय में सर्व प्रथम मोतिहारी नप बोर्ड में इस योजना को मंजूरी मिली. लेकिन निविदा एवं पदाधिकारी के फेलबदल, तो कभी पार्षद एवं अधिकारी के बीच किसी बिन्दु पर आपसी मतभेद के कारण योजना लंबित रह गयी. वही मोतिहारी नप के बाद इस पर पहल करने वाले चकिया,ढाका,रक्सौल आदि नप में एलइडी लग चुका है.

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