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अपराध जगत में लंबे समय से चल रहा मुकेश पाठक का सिक्का

मोतिहारी : अत्याधुनिक हथियारों व युवाओं की टीम से संगठित कर संतोष झा व मुकेश पाठक ने एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम दे करोड़ों की राशि वसूली. सीतामढ़ी के बेलसंड में डबल मर्डर सहित कई मामलों का संचालन मुकेश पाठक ने मोतिहारी, सीतामढ़ी व शिवहर जेल से की. इलाज के बहाने शिवहर अस्पताल […]

मोतिहारी : अत्याधुनिक हथियारों व युवाओं की टीम से संगठित कर संतोष झा व मुकेश पाठक ने एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम दे करोड़ों की राशि वसूली. सीतामढ़ी के

बेलसंड में डबल मर्डर सहित कई मामलों का संचालन मुकेश
पाठक ने मोतिहारी, सीतामढ़ी व शिवहर जेल से की. इलाज के बहाने शिवहर अस्पताल से फरार होने के बाद दरभंगा में अपने गुर्गे के साथ दो इंजीनियरों को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद से पुलिस को उसकी तलाश थी. उसे झारखंड की राजधानी रांची के पास स्थित रामगढ़ से पकड़ा गया है. इसके पूर्व जनवरी 2012 में मुकेश अपने साथी संतोष झा के साथ रांची के डगरबाना से मोतिहारी पुलिस
के हत्थे चढ़ा था. गिरफ्तार शागिर्दों के बयान व पुलिस सूत्रों के अनुसार इस गिरोह द्वारा छोटे स्तर पर रंगदारी
नहीं मांगी जाती. करोड़ों की राशि आधा पेटी तक समझौते के तहत मिलता था.
बेतिया में वशिष्ठ कंपनी से रंगदारी को ले हुई थी बैठक : गंडक नदी पर पुल निर्माण करा
रही वशिष्ठ कंपनी से रंगदारी के लिए प्रोजेक्टर मैनेजर पर हमले की
योजना को अंजाम देने के लिए बेतिया में छह जुलाई 12 को बैठक
हुई थी. इसमें लंकेश, ऋषि,
बबलू आदि शामिल थे. कंपनी के
गेट पर खड़ी गाड़ी पर हमला कर
पर्चा छोड़ा गया, उसके बाद
रंगदारी मिली.
पूर्वी चंपारण में मुकेश के अपराध : 2003-चाचा प्रेमनाथ पाठक की हत्या, मुखिया पति चुन्नु ठाकुर की हत्या (मेहसी थाना), इसके अलावे कल्याणपुर में रंगदारी, ढाका थाना में फुलवरिया घाट पुल निर्माण कंपनी से रंगदारी का मामला, रक्सौल में 30 जून को राजेश्वर प्रसाद से रंगदारी, नगर थाना में रंगदारी का मामला दर्ज है. एक दर्जन से अधिक मामले समझौते के तहत निबटाये गये, जिसका थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी.
मोतिहारी पुलिस लेगी रिमांड पर
पूर्वी चंपारण में मुकेश पाठक पर दर्ज विभिन्न मामलों में अनुसंधान व जांच को लेकर आवश्यकता हुई तो रिमांड पर लिया जायेगा, ताकि मुकेश पाठक के नाम मांगी गयी रंगदारी व मामलों का खुलासा हो सके.
पंकज रावत, प्रभारी एसपी सह सदर डीएसपी, मोतिहारी
चढ्ढा एंड चढ्ढा कंपनी से वसूले 50 लाख
उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर-सोनवर्षा पथ निर्माण कर रही चढ्ढा एंड चढ्ढा कंपनी के सुपरवाइजर की हत्या इसलिए कर दी गयी कि एक करोड़ फिरौती की राशि नहीं मिली थी. सूत्रों के अनुसार उक्त घटना में मुकेश, चिरंजीवी भगत, लंकेश ने अंजाम दिया था. साथ में निकेश, ऋषि भगत, अरुण, मृत्युंजय, उदय आदि भी थे. घटना के बाद कंपनी से गिरोह को 50 लाख की रंगदारी मिली थी.
अिधकतर संरक्षक पूर्वी चंपारण व सीतामढ़ी िजलों के
मुकेश गिरोह के अन्य अपराधियों के गिरफ्तारी के बाद संरक्षक के रूप में जिन लोगों का नाम आया है. उसमें लंकेश झा, श्यामसुंदर ठाकुर, पवन उपाध्याय, गौतम ठाकुर, दीपक झा, विनय बिहारी, राजू सिंह, चिरंजीवी सागर, अमित पांडेय, निकेश दूबे, बबलू दूबे, सत्येंद्र झा व विमलेंदू सिंह शामिल हैं. गिरोह के पास एके 47, एके 56, पिस्टल, कार्बाइन, सेमी ऑटोमेटिक राइफल व अन्य हथियार हैं. रंगदारी की राशि का उपयोग ठेकेदारी, जमीन खरीद-बिकी और कतिपय परिचितों के खातों में राशि जमा है.

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