रक्सौल : बिहार में शराबबंदी लागू हुई, तो बॉर्डर के आसपास रहनेवाले शराब कारोबारियों की रातो-रात किस्मत ही खुल गयी. भारत-नेपाल के नो-मेंस लैंड पर शराब की कई लाइसेंसी दुकानें खुल गयी हैं, जहां मजे से लोग शराब का सेवन कर रहे हैं. बुधवार को प्रभात खबर की टीम जब नो-मेंस लैंड पहुंची तो इंडियन कस्टम कार्यालय से करीब 100 मीटर दूर एक दुकान खुली थी. जहां कई लोग शराब पी रहे थे. हालांकि कई लोग बोतल छोड़ कर भाग निकले. इनमें सभी लोग रक्सौल के थे.
कुछ देर बाद उनमें से एक व्यक्ति जिसका नाम जगदीश था. उसने कहा मैं नगर परिषद में काम करता हूं, रोज शराब पीने आता
रक्सौल सीमा पर…
हूं और मुझे कोई शराब पीने से नहीं रोक सकता. इसी दौरान दुकानदार शंभू राम ने बताया कि उसकी दुकान लाइसेंसी है. उसे किसी का डर नहीं है. वह नेपाल सरकार से शराब लेकर बेचता है. शंभू ने अपनी झोपड़ीनुमा दुकान में ले जाकर लाइसेंस दिखाया, जो दीवार पर लटक रहा था. उसने बताया कि बिहार में शराबबंदी के बाद उसके यहां ग्राहकों की संख्या बढ़ी है. जहां वह शराब बेचता है, वहां भारी मात्रा में नेपाली शराब के खाली बोतल व ढक्कन रखे हुये थे. शंभू की दुकान के आसपास चार-पांच दुकानें और हैं, जो लाइसेंसी नहीं हैं. लेकिन शराब बिक रही थी. ठीक सामने सड़क के पश्चिम व कस्टम कार्यालय से 100 मीटर दूर सात-आठ दुकानें खुली थीं, जहां काउंटर पर ही शराब बेची जा रही थी. यह नाजारा नो-मेंस लैंड के दक्षिणी हिस्से यानी भारतीय किनारे की तरफ का था, तो कुछ दूर और आगे निकलने पर ऐसी सैकड़ों दुकानें खुली थीं.
हाल के दिनों में बिक्री में कमी
रक्सौल का रहनेवाला नो-मेंस लैंड के एक दूकानदार ने बताया कि शराबबंदी के बाद एक से 10 अप्रैल तक बिक्री काफी कम था. 10 से लेकर 25 अप्रैल तक शराब की बिक्री में काफी तेजी आयी थी. लेकिन, हाल के दिनों में बिक्री में कुछ कमी आयी है. इसी दौरान एक ट्रक ड्राइवर उसकी झोंपड़ी में घुसा और आराम से शराब पीना शुरू कर दिया. दुकानदार का कहना था कि बिहार में शराबबंदी हुई है, नेपाल में नहीं. यहां तो शराब की बिक्री कभी बंद नहीं हो सकती है.