मोतिहारी : पूर्वी चंपारण में मत्स्य पालन की संभावना को देखते हुए नेशनल फिशरी डेवलपमेंट बोर्ड हैदराबाद ने 11 झीलों (मन) का चयन किया है़ इसके लिए विभाग को 40 लाख रुपये का आवंटन भी मिला है़ केंद्र सरकार की योजना के तहत इन झीलों का चयन किया गया है़ इसके तहत झील के बीच में ही चिलवन (बांस का चचरी) या किसी मजबूत जाल से घेरा बनाकर मछली जीरा (बीज) पालन कर उत्पादन को बढावा देना है़
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जिले की 11 झीलों का चयन
मोतिहारी : पूर्वी चंपारण में मत्स्य पालन की संभावना को देखते हुए नेशनल फिशरी डेवलपमेंट बोर्ड हैदराबाद ने 11 झीलों (मन) का चयन किया है़ इसके लिए विभाग को 40 लाख रुपये का आवंटन भी मिला है़ केंद्र सरकार की योजना के तहत इन झीलों का चयन किया गया है़ इसके तहत झील के बीच […]
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चयनित झीलों का निरीक्षण व मछलीपालकों से वार्ता के बाद लाभुक को 40 प्रतिशत अनुदान पर राशि दी जायेगी़
क्या है चिलवन योजना
इसके तहत मछली की जीरा को अंगूलीनुमा (फिंगर साइज) होने पर संबंधित झील में ही छोड़ा जायेगा़ मछली के अंडा या छोटे जीरा (बीज) को बड़ा करने के लिए झील में ही घेरा बनाकर डाला जाता है़
बड़ा होने पर फिर जरुरत के मुताबिक उसी झील में घेरा से निकालकर छोड़ दी जाती है़ ऐसे में मछली की बढ़वार ज्यादा होती है़ क्योंकि उसे एक ही तरह का पानी मिल जाता है़
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