मोतिहारी : जिले में अचानक उभरे कैश संकट ने आम आदमी की चिंताएं बढ़ा दी हैं. डेढ़ साल पहले के अंदर एक और नोटबंदी की उपभोक्ता तुलना कर इसे देख रहे हैं. एक ओर शादी विवाह का मौसम, वहीं दूसरी ओर बैंक व एटीएम पर कैश की किल्लत ने उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है. शहर से लेकर गांव तक कैश की किल्लत ने हड़कंप मच गया है.
एटीएम की कौन कहें, बैंकों की स्थिति भी ठीक नहीं है. उपभोक्ताओं को यह समझ नहीं आ रहा है कि, करें तो अब करें क्या. दिन निकलते ही एटीएम से पैसे निकालने का उपभोक्ताओं का शुरू सिलसिला देर शाम तक एटीएम के आसपास खत्म ही हो जा रहा है. इसमें कुछ ही लोग हैं, जो एटीएम से निकलने के बाद उनके चेहरे पर मुस्कान तैरती दिखती हो. वहीं अधिकांश लोगों को निराशा हाथ लगती है. शहर में यह स्थिति पिछले एक सप्ताह से यूं ही जारी है.
उपभोक्ताओं का झलका दर्द
अभिमन्यु कुमार: इनका कहना है कि एटीएम में नोट की भारी किल्लत है. सरकार इसका अविलंब निदान निकालें. दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं. किस एटीएम में पैसे हैं और किस में नहीं, यह पता करने में पूरा समय बित रहा है.
अर्जून सिंह: अर्जून सिंह का कहना है कि शहर में नोटबंदी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. शादी-विवाह का मौसम है. ऐसे में नोट की किल्लत होना परेशानी बढ़ाने वाला जैसा है. सरकार को इसका अविलंब निदान निकालना चाहिए.
शांति देवी: इनका कहना है कि शहर की विभिन्न एटीएम पर पैसे निकालने गई. लेकिन, पैसे नहीं मिले. स्थिति कब सामान्य होगी, इसका पता नहीं है. दैनिक कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है.
नीतीश कुमार: शिक्षक का पैसा बकाया है. पढ़ाई में दिक्कतें आ रही हैं. वे बोलते हैं कि पैसा मिलेगा तो पढ़ने आना. क्या करें, पैसे नहीं है. एटीएम से पैसे नहीं निकल रहे हैं. बैंक गांव में है. खानपान में भी दिक्कत हो गई है. व्यवस्था चौपट हो गयी है. सरकार इस पर ध्यान दे.
एसबीआइ की 68 में से मात्र चार एटीएम चालू
एसबीआई अधिकृत 68 एटीएम हैं. इसमें मात्र चार ही चालू हैं. इसके 53 ब्रांच हैं. शहर के कचहरी एसबीआई शाखा के प्रबंधक समर कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एटीएम के लिए करीब 15 करोड़ रुपये प्रतिदिन चाहिए. वर्तमान में सौ, पचास व बीस के ही नोट मिल रहे हैं. दावा किया कि एक दो दिन में स्थिति सामान्य होने लगेगी.