मोतिहारी : सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में बापू की कर्मभूमि चंपारण की मोतिहारी एक बार फिर सूबे के लिए नजीर बनेगी. यहां शहर के घरेलू कचरा से कंपोस्ट व फर्निस वायल तैयार होगा. कूड़ा-कचरा को रिसाइकल कर प्रोसेसिंग के तहत उपयोग लायक बनाने की कवायद शुरू हो गयी है.
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शहर में कचरा रिसाइकलिंग प्लांट मार्च में होगा शुरू
मोतिहारी : सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में बापू की कर्मभूमि चंपारण की मोतिहारी एक बार फिर सूबे के लिए नजीर बनेगी. यहां शहर के घरेलू कचरा से कंपोस्ट व फर्निस वायल तैयार होगा. कूड़ा-कचरा को रिसाइकल कर प्रोसेसिंग के तहत उपयोग लायक बनाने की कवायद शुरू हो गयी है. मोतिहारी में कचरा निस्तारण के लिए लगने […]
मोतिहारी में कचरा निस्तारण के लिए लगने वाला यह प्लांट प्रोजेक्ट बिहार के लिए अनोखी है. सूबे में पहली बार इस तरह के आधुनिक मॉडल के कचरा रिसाइकलिंग प्लांट लगायी जा रही है. जो पुरी तरह आधुनिक तकनीक से ऑटोमेटिकली काम करेगी. इस प्लांट को मोतिहारी नप की पहल पर शहर से सटे एनएच 28 स्थित चंडी माई समीप करोड़ों की लागत से लगायी जा रही है. इसके निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है. जिसके लिए नप प्रशासन ने चयनित एजेंसी को जमीन उपलब्ध करायी है. प्लांट लगाने का कार्य इंवायरल सॉल्यूशन कंपनी द्वारा की जा रही है.
जिसे शहर के डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण का जिम्मा भी दिया गया है. अनुमान के मुताबिक मार्च 2018 तक प्लांट काम करना शुरू कर देगी. निर्माण कार्य की प्रगति में कंस्ट्रक्शन से संबंधित तकरीबन कार्य पूरी हो चुकी है. शेष कार्य में मशीनरी इंस्टॉलेशन का काम तेज गति से चल रहा है. जिसे दो से तीन सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जायेगा.
पॉलीथिन से तैयार होगा फर्निस वायल
कचरा रिसाइकलिंग प्लांट में आधुनिक जर्मन टेक्नोलॉजी की मशीन लगायी जा रही है. इसमें अधिकांश मशीनें ऑटोमेटिकली काम करेगी. जानकारी के मुताबिक अधिक क्षमता के मशीन से पांच से सात टन कचरा का प्रतिदिन रिसाइकल होगी. इनमें प्रदूषण के मुख्य कारक पॉलीथिन जैसी पदार्थ को रिसाइकल कर उपयोग लायक बनाया जायेगा. पॉलीथिन से फर्निस वाल तैयार होगी. बताया जाता है कि प्रतिदिन करीब 25 सौ लीटर फर्निस वायल तैयार होगी. जिसका उपयोग मशीनरी चलाने के लिए होगा.
कंस्ट्रक्शन के बाद मशीन इंस्टॉलेशन का तेज गति से चल रहा कार्य
इंवायरल सॉल्यूशन कंपनी व नप प्रशासन के बीच हुई एकरारनामा
पांच टन कंपोस्ट रोज होगी तैयार
घरेलू कचरा का रिसाइकल कर कंपोस्ट बनायी जायेगी. मशीन की क्षमता के अनुसार पांच टन कंपोस्ट रोज तैयार होगा. इस कंपोस्ट का उपयोग खेती के लिए होगी. स्थानीय स्तर पर कंपोस्ट व तैयार फर्निस वायल लोकल मार्केट में उपलब्ध होंगे. किसान को सस्ते दाम पर अच्छी गुणवत्ता के कंपोस्ट मिले पायेगी.
प्रतिदिन 12 टन कचरे का होता है निस्तारण
आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन तकरीबन 10 से 12 टन कचरा निकलता है. इसके निस्तारण को लेकर अबतक कोई व्यवस्था नहीं थी. यहां तक की डंपिंग के लिए भी उपयुक्त जगह नहीं है. ऐसे में शहर से सटे एनएच किनारे व आसपास के जगहों में कचरा को डंप किया जाता रहा है. इन कचरों से निकलने वाले सड़ांध से आसपास के मुहल्लों में संक्रमण जैसी बीमारियों का खतरा मंडराने लगा था. ऐसे भी शहर के बाहर एनएच से गुजरने वालों की नजर में मोतिहारी का नाम भी कचरों के शहर में दर्ज हो चुकी है.
लेकिन इस प्लांट के शुरू होने से अब समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है.
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