बक्सर : नगर के चरित्रवन स्थित कवि दीपक कुमार राय के आवास पर किया गया. कार्यक्रम बक्सर ऐप्सो, प्रलेस तथ एआईएसएफ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. कार्यक्रम में चर्चित कवि प्रकाश शुक्ल का कविता पाठ उनका व्यक्तव्य तथा श्रोताओं के साथ बातचीत का दौर चला.
कवि के साथ कार्यक्रम के अंतर्गत उन्होंने अपनी कई कविताओं मसलन, ओरहन, पूंछ-पूंछ, मखरौरी, परती जमीन, अपना गांव, मोबाईल, लड्डू, देश के प्रधानमंत्री के नाम जैसी कविताओं का पाठ किया एवं अपने व्यक्तव्य के दौरान कहा कि कविता दरअसल क्रुरता का प्रतिपक्ष है और मनुष्यता के पक्ष में एक रचनात्मक उपस्थिति भी भयानक शोर के इस समय में खामोशी से संवाद वाली कविता अपने समय को और समाज को गढ़ रही है.
आज के दौर के लघुमानव और दीर्घ मानव दोनों को बदल रही है. कविता कार में कुमार नयन, दीपक कुमार राय, विमल कुमार सिंह, शशांक शेखर, सरिता, वंदना एवं प्रभात के सवालों के जवाब में देने के क्रम में परिचय पत्रिका के संपादक एवं बीएचयू के प्रोफेसर शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों को विमर्श का केंद्र होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति जब तक आम आदमी के जीवन का दशा दिशा तय करते रहेगी कविता उस पर टिप्पणी करती रहेगी और कोई कविता अराजनीतिक कविता नहीं होती.
एक सवाल के जवाब के क्रम में श्री शुक्ल ने कहा कि वे बनारस से आते है जो भौगोलिक दृष्टि से गंगा के तट पर है. लेकिन सांस्कृतिक पर्यावरण के लिहाज से गंगा जमनी तहजीव के ही वाहक है. कार्यक्रम में रामेश्वर प्रसाद वर्मा, सिंहेश्वरानंद बक्सरी, पूर्व सांसद नागेंद्र नाथ ओझा, अजय मिश्र, राजेश शर्मा, अंकित, हरेराम, रामाधार सिंह, किशन राज, नूतन, संजीव अग्रवाल, श्रीकृष्ण चौबे, अभय क्षितिज, रागिनी, अनन्या, खुर्शीद, वैदेही शरण श्रीवास्तव जैसे कई श्रोतागण मौजूद थे.