डुमरांव : शहीद स्मारक समिति कपिलमुनी द्वार के सदस्यों की बैठक मंगलवार को हुई. बैठक के दौरान चंपारण यात्रा के 100वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री के द्वारा आजादी की लड़ाई में जो लोग संघर्ष कर भारत माता काे आजाद कराये उन स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जा रहा है इसकी सराहना की गयी. वहीं, 11 अगस्त 1921 में महात्मा गांधी डुमरांव रेलवे स्टेशन के पास तिरकोनिया मैदान में आये हुए थे. चंपारण यात्रा में सूबे के मुखिया से गुहार लगायी कि चंपारण यात्रा में डुमरांव को भी शामिल किया जाये.
क्योंकि सरकार की तरफ से आज तक उन परिवारों को कोई लाभ नहीं मिला. शहीद स्मारक समिति 1942 के आंदोलन में डुमरांव के 12 लोग शहीद हो गये थे. इन परिवारों के लोग आज भी अपने घर में तिरपाल टांगकर अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं. समिति ने बिहार सरकार से इन परिवारों को छह डिसमिल जमीन देकर प्रधानमंत्री योजना से आवास बनाकर कर देने की मांग की. मौके पर नंदजी गांधी, महेंद्र राम, राजू खरवार, विशोकाचंद, गोपाल प्रसाद गुप्ता, अशोक मिश्र, मनोज जायसवाल, जंगबहादूर आदि मौजूद थे.