बक्सर, कोर्ट : पुराने मामलों के निष्पादन में तेजी लाने के उद्देश्य से बक्सर में दो फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया है, ताकि मामलों का तेजी से निष्पादन हो सके. वैसे अभियुक्त जो जमानत लेकर बाहर घूम रहे हैं और उनका किसी कारण फैसला नहीं हो रहा है. उसे ट्रायल से गुजरना पड़ेगा.इसके लिए राज्य सरकार के पत्रांक 7/2017 के मुताबिक बक्सर व्यवहार न्यायालय में दो फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया है. प्रथम कोर्ट का पीठासीन पदाधिकारी अरुण कुमार
श्रीवास्तव तथा दूसरे कोर्ट का पीठासीन पदाधिकारी वीरेंद्र सिंह को पुर्ननियोजित किया गया है. बताते चलें कि लंबित मामलों को लेकर सरकार काफी सख्त है तथा इसका निबटारा जल्द-से-जल्द करना चाहती है. 2010 में बक्सर व्यवहार न्यायालय में कुल पांच फास्ट ट्रैक हुआ करते थे, जहां मामलों की सुनवाई तेजी से की जाती थी, लेकिन इसे बंद कर दिया गया. एक बार फिर से पूरे बिहार में फास्ट ट्रैक कोर्ट को पुर्ननियोजित किया गया.