आत्मा के माध्यम से जिले में कृषि से जुड़े 40 विक्रेता होंगे प्रशिक्षित
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हर कोई नहीं बेच पायेगा कृषि यंत्र
आत्मा के माध्यम से जिले में कृषि से जुड़े 40 विक्रेता होंगे प्रशिक्षित देशी पाठ्यक्रम का रास्ता साफ बक्सर : खेती-बाड़ी के यंत्र बिक्री करनेवाले फुटपाथी दुकानदारों के दिन अब लद गये हैं. इस बाबत सरकार ने वर्ष 2016 में नये राजपत्र के अनुसार बीज, उर्वरक तथा कीटनाशक से जुड़े सभी कृषि यंत्राें की बिक्री […]
देशी पाठ्यक्रम का रास्ता साफ
बक्सर : खेती-बाड़ी के यंत्र बिक्री करनेवाले फुटपाथी दुकानदारों के दिन अब लद गये हैं. इस बाबत सरकार ने वर्ष 2016 में नये राजपत्र के अनुसार बीज, उर्वरक तथा कीटनाशक से जुड़े सभी कृषि यंत्राें की बिक्री प्रशिक्षित दुकानदारों के हाथों से कराने का फैसला लिया है. इस फैसले से तकनीकी जानकारी के अभाव में किसानों को होनेवाली आर्थिक नुकसान से राहत मिलने की उम्मीद है.
फुटपाथी विक्रेताओं पर सरकार व विभाग का नियंत्रण नहीं होने की वजह से बेहतर सेवाएं मुहैया नहीं हो पाती थीं. जिला कृषि पदाधिकारी-सह-प्रभारी परियोजना निदेशक रणवीर सिंह ने बताया कि देशी पाठ्यक्रम के अंतर्गत डीलरों को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रेनर का चयन कर लिया गया है. इसी माह में पाठ्यक्रम की शुरुआत कर दी जायेगी.
आत्मा को पाठ्यक्रम आयोजन के लिए नोडल एजेंसी बनायी गयी है. जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह की अध्यक्षता में आत्मा द्वारा फैसीलीटेटर के पद रमेश सिंह का नियोजन किया गया है. देशी पाठ्यक्रम का प्रचार-प्रसार, सफल संचालन तथा समय पर डिलरों को अपडेट मार्गदर्शन देना इनकी जिम्मेदारी होगी. बताते चलें कि इस पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए पूर्व से कृषि व्यवसाय में संलिप्त निबंधित डीलर 10 हजार रुपये तथा गैर निबंधित व्यक्ति 20 हजार रुपये आत्मा कार्यालय में विगत छह माह पूर्व जमा कराया गया था, जिसमें 40 निबंधित डीलर व अनिबंधित व्यक्ति शामिल हैं.
प्रशिक्षित डीलरों को ही बिक्री का लाइसेंस
देशी पाठ्यक्रम कृषि पर आधारित है, जिसमें डीलरों को बीज, उर्वरक तथा कीटनाशक के व्यवसाय करने हर हाल में डिप्लोमाधारी होना होगा. इसके लिए कुल 48 कक्षाएं आयोजित की जायेंगी. 40 कक्षाओं में इच्छुक डीलरों को परामर्श व शेष आठ में प्रायोगिक कक्षाएं आयोजित की जायेंगी. पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षित डीलरों द्वारा उनके क्षेत्र में किसानों को अच्छी सेवाएं देना है. कक्षाओं का आयोजन स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में सप्ताह में एक दिन किया जायेगा
. पाठ्यक्रम की रूप-रेखा तैयार कर ली गयी है, जिसमें बीज, उर्वरक तथा कीटनाशक के इस्तेमाल करने से पूर्व सभी तकनीकी जानकारी मुहैया करा दी जायेगी. आनेवाले दिनों में सरकार के निर्देशानुसार कृषि उपादान बिक्री के लिए लाइसेंस प्रशिक्षित डीलरों को ही दिया जायेगा.
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