तैयारी. निजी विद्यालय व कोचिंग संस्थानों को अब टैक्स भरना अनिवार्य
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तीन लाख कमाएं, तो भरें टैक्स
तैयारी. निजी विद्यालय व कोचिंग संस्थानों को अब टैक्स भरना अनिवार्य विभाग ने शुरू की तैयारी, भेजा जायेगा नोटिस बक्सर : जिले के सभी शैक्षणिक संस्थाओं को अब समेकित कर के अलावा शिक्षा उपकर व जल तथा प्रकाश कर भी देना होगा. इसके लिए राज्य सरकार ने निजी शैक्षणिक संस्थाओं पर कर आरोपित करने के […]
विभाग ने शुरू की तैयारी, भेजा जायेगा नोटिस
बक्सर : जिले के सभी शैक्षणिक संस्थाओं को अब समेकित कर के अलावा शिक्षा उपकर व जल तथा प्रकाश कर भी देना होगा. इसके लिए राज्य सरकार ने निजी शैक्षणिक संस्थाओं पर कर आरोपित करने के सभी संभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है. जिले में निजी तौर पर संचालित विद्यालयों एवं कोचिंग संस्थानों पर अब वाणिज्य कर विभाग का शिकंजा कसना शुरू हो गया है.
बड़े व छोटे निजी विद्यालयों को अब वाणज्यि कर विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा और उन्हें पेशाकर देना होगा. जिले में लगभग 500 से ज्यादा निजी विद्यालय संचालित हैं, जिसमें शिक्षा विभाग में 35 रजिस्टर्ड हो गये हैं. वहीं, 145 निजी विद्यालय अभी भी शिक्षा विभाग से रजिस्ट्रेशन पाने को प्रक्रियाधिन हैं. बावजूद जिले में 2-3 निजी विद्यालयों की वाणिज्य कर विभाग में पेशाकर का भुगतान करते हैं.
इन निजी विद्यालयों के संचालकों को वाणिज्य विभाग ने नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दिया है. साल में तीन लाख से ऊपर आय करनेवाले विद्यालयों को टैक्स देना होगा. जिले में 500 से भी अधिक ज्यादा छोटे-बड़े निजी विद्यालय मौजूद हैं. इनमें से लगभग 300 से अधिक विद्यालयों की वार्षिक कमाई तीन लाख से ज्यादा ही है. इनके ऊपर वाणिज्य विभाग द्वारा नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. बावजूद रजिस्ट्रेशन नहीं करानेवाले विद्यालयों पर कार्रवाई की जायेगी.
छोटे स्कूलों को भी देना होगा पेशाकर
ऐसे समझें कितना कर देना होगा
शैक्षणिक संस्थान अब तक जितना भी पैसे कमाये हैं, वह सिर्फ साल में एक बार 210 रुपये समेकित कर ही देते रहे हैं. अब शैक्षणिक संस्थान यदि एक हजार वर्गफीट में बने हैं, तो उसे संपत्ति कर छोड़ कर अन्य कर के रूप में करीब 25 सौ रुपये देने होंगे.
यह है पेशाकर
किसी भी प्रोफेशन से जुड़ा हुआ व्यक्ति, जो उसके माध्यम से आय प्राप्त करता है. प्राप्त आय पर सरकार द्वारा निर्धारित कर लगाया जाता है. जिस प्रोफेशन से संबंधित आय पर सरकार द्वारा टैक्स लगाया जाता है, उसे ही पेशाकर कहा जाता है. यह कर उन संस्थानों एवं संस्थानों में काम करनेवाले व्यक्तियों पर लागू होता है, जिसे सरकार टैक्स के दायरे में रखी है.
छोटे विद्यालयों को भी देना होगा पेशाकर
जिस विद्यालय का आय साल में तीन लाख रुपये से कम है, उन्हें हरहाल में पेशाकर देना होगा. सरकार के इस निर्णय को वाणिज्य कर विभाग अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है. निजी स्कूल और कोचिंग संस्थान भले ही टैक्स के दायरे में नहीं आयेंगे, लेकिन पेशाकर के दायरे में निश्चित रूप से आयेंगे.
क्योंकि कोई भी बड़े स्कूल एवं कोचिंग संस्थान ऐसे नहीं हैं, जिनकी आमदनी साल में तीन लाख से कम है. शायद ही ऐसे निजी विद्यालय होंगे, जिनकी आय तीन लाख से कम हो. बहुत से ऐसे निजी विद्यालय हैं, जो ट्रस्ट का सहारा लेकर टैक्स भुगतान से राहत पा लेते हैं. आनेवाले दिनों में ऐसे विद्यालयों पर शिकंजा कसा जा सकता है.
कोचिंग संस्थानों पर भी कसेगा शिकंजा
जिला मुख्यालय में ही कई ऐसे कोचिंग संस्थान हैं, जिसमें हजारों की संख्या में छात्र पढ़ते हैं. जिनसे कोचिंग संस्थानों द्वारा शुल्क भी मनमाना वसूला जाता है. बावजूद आज तक ऐसे संस्थानों का कहीं भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. सरकार के निर्देश पर ऐसे कोचिंग संस्थानों पर भी शिकंजा कसना शुरू किया जायेगा. इसके लिए कोचिंग संस्थानों की सूची तैयार की जा रही है. उसके बाद उन्हें रजिस्ट्रेशन व टैक्स भुगतान करने के लिए नोटिस भेजा जायेगा. ऐसा नहीं करनेवाले कोचिंग संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
निजी स्कूलों को सूचीबद्ध कर भेजा जायेगा नोटिस
सरकारी विद्यालयों से तो ट्रेजरी के माध्यम से ही कर मिल जाता है. जिले में 2-3 निजी विद्यालय ही टैक्स का भुगतान करते हैं. जिले में संचालित निजी विद्यालयों को सूचीबद्ध कर नोटिस किया जायेगा. इसके बावजूद रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं, तो ऐसे निजी विद्यालयों व कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
सुधीर कुमार पूर्वे
सहायक वाणिज्य उपायुक्त
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