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एसपी ने कर्मियों को लगायी फटकार

सख्ती . एसपी ने किया न्यायालय परिसर का निरीक्षण, गंदगी देख बिफरे बक्सर, कोर्ट : छपरा न्यायालय में बम कांड की घटना के बाद बक्सर न्यायालय परिसर पुलिस के संज्ञान में आ गया है. मंगलवार को सबसे पहले पुलिस उपाधीक्षक शैशव यादव न्यायालय पहुंचे और निरीक्षण किया. इसके कुछ देर बाद पुलिस कप्तान उपेंद्र शर्मा […]

सख्ती . एसपी ने किया न्यायालय परिसर का निरीक्षण, गंदगी देख बिफरे

बक्सर, कोर्ट : छपरा न्यायालय में बम कांड की घटना के बाद बक्सर न्यायालय परिसर पुलिस के संज्ञान में आ गया है. मंगलवार को सबसे पहले पुलिस उपाधीक्षक शैशव यादव न्यायालय पहुंचे और निरीक्षण किया. इसके कुछ देर बाद पुलिस कप्तान उपेंद्र शर्मा न्यायालय पहुंचे.
मुख्य द्वार पर उतरने के साथ ही न्यायालय के सुरक्षा कर्मियों से सुरक्षा के बारे में विधिवत जानकारी लेना शुरू किया. उन्होंने पूरे न्यायालय परिसर के चप्पे-चप्पे पर निरीक्षण करते रहे तथा सुरक्षा कर्मियों को उचित निर्देश दिये. इस दौरान सुरक्षा कर्मियों ने और अधिक जवानों की आवश्यकता बतायी.
भवनों का लिया जायजा : पुलिस अधीक्षक ने गाड़ी से उतरने के साथ ही तैनात सुरक्षा कर्मी को शर्ट का बटन खुला रहने के कारण फटकार लगायी. इसके बाद वे तेजी से न्यायालय परिसर की ओर आगे बढ़ इजलास भवन के दरवाजे पर लगे मेटल डिक्टेक्टर युक्त दरवाजा का निरीक्षण किया.
गंदगी फैलाने वाले कैदियों पर होगी प्राथमिकी : पुलिस अधीक्षक ने न्यायालय परिसर में मुख्य द्वार पर बने हाजत भवन पहुंचे. उस समय हाजत में बंद कैदी जोर-जोर से चिल्ला कर सड़क पर खड़े अपने परिजनों से बात कर रहे थे. इसे देख उनका पारा सातवें आसमान पर चला गया तथा सुरक्षा कर्मियों को फटकार लगायी. निर्देश देते हुए कहा कि कैदियों के आगे बरामद में लगे ग्रिल पर परदा लगायें, ताकि कैदी बाहर के लोगों से बात नहीं कर सके. साथ ही हाजत भवन में गंदगी फैलाने वाले कैदियों पर प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा.
हथकड़ी लगाने का भी दिया प्रशिक्षण : पुलिस कप्तान उपेंद्र कुमार शर्मा ने हाजत भवन से न्यायालय तक जाने व आने वाले कैदियों को किस तरह हथकड़ी में ले जाना चाहिए इसका प्रशिक्षण भी सुरक्षा कर्मियों को दिया. उन्होंने कहा कि किस कैदी को लेकर सुरक्षा कर्मी चल रहा है
उस कैदी का नाम और किस तरह के अपराध में संलिप्त है इसकी भलीभांति जानकारी होनी चाहिए.
बढ़ाये जायेंगे सुरक्षा कर्मी : प्रभात खबर से बातचीत के दौरान एक प्रश्न का जवाब देते हुए पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जायेगी. साथ ही सुरक्षा कर्मियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जायेगी. न्यायालय परिसर में आने-जाने वाले सभी लोगों की मॉनिटरिंग की जायेगी.
सुरक्षा व्यवस्था को जिला जज ने बताया नाकाफी : बक्सर व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मलिक ने मंगलवार को न्यायालय परिसर में कई जगहों का निरीक्षण किया. उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को नाकाफी बताया. न्यायालय परिसर के मुख्य द्वार के साथ-साथ अन्य प्रवेश करने वाले कई जगहों के साथ-साथ न्यायालय परिसर में पेट्रोलिंग की व्यवस्था को भी सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक बताया.
डुमरांव न्यायालय को पूरी तरह असुरक्षित बताया. गौरतलब हो कि आनन-फानन में बने डुमरांव सिविल कोर्ट का अब तक न अपना भवन है और न ही वहां हाजत की व्यवस्था की गयी है. साथ ही अस्थायी तौर पर चलाये जा रहे न्यायालय डुमरांव से काफी दूर सुनसान जगह पर अवस्थित हरियाणा फॉर्म के भवन में कार्य कर रहा है, जो सुरक्षा के साथ-साथ लोगों के सुगमता के हिसाब से भी उपयुक्त नहीं है.
दो वर्ष बाद भी चहारदीवारी नहीं की गयी ऊंची : बक्सर व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा लगभग दो वर्षों पूर्व ही न्यायालय परिसर के बड़े भूभाग की छोटी चहारदीवारी को ऊंचा करने के लिए लिखा गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरक्षा के लिए न्यायालय परिसर की चहारदीवारी आठ फीट ऊंचा एवं उसके दो फीट ऊपर कटीले तार की बेरेकेटिंग को आवश्यक बता फाइल को भवन निर्माण विभाग में भेजा गया था. लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी तथा न्यायालय परिसर कई जगहों पर सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक माना जा सकता है.
दिन भर होती रही जांच : मंगलवार को दिन भर न्यायालय परिसर में आने जाने वाले हर व्यक्तियों की सघन जांच की गयी. सुरक्षा कर्मी खासकर उन लोगों पर तेवर कड़े करते दिखायी दिये जिनके हाथों में झोला-बैग या पर्स देखा गया. पुलिस द्वारा ऐसे लोगों की सघन जांच करने के बाद ही अंदर जाने की इजाजत दी गयी.
महिलाओं के पर्स की जांच महिला पुलिस कर्मियों ने की. गौरतलब हो कि छपरा एवं आरा न्यायालय में हुए बम धमाके में महिलाओं का ही हाथ रहा था. इस संबंध में बक्सर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को ऊंट के मुंह में जीरा बताया. उन्होंने कहा कि बड़े भूखंड पर अवस्थित न्यायालय परिसर में चंद सुरक्षा कर्मियों के सहारे लोगों को सुरक्षित नहीं किया जा सकता है.
अधिवक्ता रवींद्र कुमार रवि.
अधिवक्ता रवींद्र कुमार रवि ने बताया कि न्यायालय परिसर में आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्तियों की विधिवत जांच होनी चाहिए. देखने को मिलता है कि सिविल ड्रेस में कई लोग अपने को पुलिस बता कर प्रवेश पा जाते हैं.
: अधिवक्ता तेज नारायण सिंह.
पूर्व सांसद एवं अधिवक्ता तेज नारायण सिंह ने बताया कि न्यायालय की सुरक्षा पूरी तरह चुस्त होनी चाहिए. बक्सर एक संगीन क्षेत्र है तथा यहां कई तरह के अपराधी तत्व हैं. जिनका संबंध बलिया-गोरखपुर एवं आजमगढ़ के अपराधियों से है. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह कमजोर दिखायी देती है.
: अधिवक्ता गणेश ठाकुर.
अधिवक्ता गणेश ठाकुर ने बताया कि न्याय के इस मंदिर में लोग वर्तमान परिवेश में अपने को पूरी तरह असुरक्षित महसूस करते हैं. मेटल डिक्टेक्टर बंद पड़ा है तथा लोग न्यायालय परिसर में जाने में सहमते हैं.

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