बक्सर : जिले में आधार कार्ड बनाये जाने का काम काफी पीछे चल रहा है. ताजे आंकड़े के अनुसार अब तक 54 फीसदी लोगों का आधार कार्ड बन पाया है. जबकि 51 फीसदी लोगों को ही आधार कार्ड मिल पाया है. तीन फीसदी लोगों तक आधार कार्ड अब तक नहीं पहुंच पाया है. बक्सर जिले में आधार कार्ड निर्माण की गतिविधियां काफी धीमी गति से चल रही हैं.
जिन प्रखंडों में स्थायी आधार कार्ड बनाये जाने के केंद्र भी खुले हैं, वह अब तक धरातल पर नहीं उतर सके हैं. जबकि आधार कार्ड बनाये जाने का लक्ष्य कई महीना पहले ही पूरा हो जाना था. आधार कार्ड नहीं बनाये जाने से रसोई गैस की सब्सिडी से भी जिले के उपभोक्ता सीधे तौर पर वंचित हो रहे हैं.
54 फीसदी लोगों का ही बना है आधार कार्ड
बक्सर जिले में कुल 17 लाख छह हजार 352 लोगों का आधार कार्ड बनाया जाना था, मगर जिला को मिले ताजे रिपोर्ट के आधार पर, जो नौ नवंबर को जिला प्रशासन को मिले हैं, उसमें नौ लाख 26 हजार 716 लोगों का आधार कार्ड बनने का काम पूरा हो चुका है, जो कुल आबादी का 54 फीसदी है.
इन आधार कार्डों में से आठ लाख 72 हजार 915 लोगों तक ही आधार कार्ड पहुंच पाया है. शेष आधार कार्ड अपरिहार्य कारणों से अथवा डाक की व्यवस्था से अब तक लोगों को नहीं मिल सका है.
बच्चों का भी बनना है आधार कार्ड
आधार कार्ड के बनाये जाने से नये संशोधित नियमों के अनुसार जन्म के बाद से ही बच्चों समेत युवाओं का आधार कार्ड बनाया जाना है, मगर सभी के आधार कार्ड बनाये जाने के काम में जिला काफी पीछे चल रहा है. 0-पांच वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर आधार कार्ड बनाया जाना है.
जिले में 0 से पांच वर्ष के बच्चों की संख्या एक लाख 95 हजार 209 की है. जबकि इनमें से आधार कार्ड बनाये जाने का काम सबसे कम 28 हजार 589 लोगों का ही बनाया जा सका है. वहीं, 6-17 वर्ष के आयु के किशोरों के लिए भी स्कूलों में कैंप लगा कर आधार कार्ड बनाया जाना है.
जनसंख्या के हिसाब से इनकी संख्या पांच लाख 66 हजार 181 है. जबकि मात्र 49 हजार 870 बच्चों का ही अब तक आधार कार्ड बन पाया है. आधार कार्ड की इस तरह काफी कम उपलब्धि है, जिसके लिए अब सरकार ने स्थायी आधार कार्ड निर्माण के लिए सेंटर खोल दिया है.
स्थायी सेंटर खोलने के लिए कंपनियों को दिया गया है जिम्मा
आधार कार्ड बनाने के लिए स्थायी केंद्र खोलने के लिए अलग-अलग प्रखंडों में अलग-अलग कंपनियों और संस्थाओं को कार्य का जिम्मा दिया गया है, जिसमें बक्सर प्रखंड, राजपुर प्रखंड, चौसा प्रखंड,चक्की प्रखंड और सिमरी प्रखंड में स्थायी केंद्रों के लिए रेडियंट हरोति कंपनी को जिम्मा दिया गया है.
जबकि डुमरांव प्रखंड के लिए उर्मिला इनफोसिस, ब्रह्मपुर प्रखंड के लिए प्रोमाइन कंपनी, नावानगर प्रखंड के लिए अलंकित पीएनबी, चौगाईं प्रखंड के लिए एक्सेट टेक्नोवेसन और केसठ प्रखंड के लिए जेफर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को आधार कार्ड बनाने का जिम्मा सौंपा गया है. इटाढ़ी प्रखंड के लिए अब तक कोई एजेंसी बहाल नहीं हो सकी है.
इधर गैस एजेंसी में आधारकार्ड की अनिवार्यता के कारण भीड़ जुटने लगी है. जिले में जहां भारत गैस के 18 हजार उपभोक्ता हैं, वहीं इंडेन के 21 हजार पुराने उपभोक्ता हैं. करीब दो हजार नये उपभोक्ता भी जुड़े गये हैं. सभी गैस उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी लेने के लिए 31 दिसंबर तक घोषणापत्र जारी करने के लिए निर्देश दे दिया गया. इससे पूर्व गैस कंपनियों द्वारा चलाये गये अभियान में भी जिले के सभी गैस उपभोक्ताओं में से मात्र 30 फीसदी उपभोक्ताओं ने ही अपने आधार कार्ड का निबंधन कराया था.