बक्सर : पूरा शहर जाम की समस्या से जूझ रहा है. हर सड़क पर घंटों रेंगते हुए वाहन अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचते हैं. लोगों का अधिकांश समय जाम में फंस कर बरबाद हो रहा है. स्कूल, कॉलेज व दफ्तर जानेवालों को जाम का रोजाना सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार को भी शहर का कुछ ऐसा ही हाल रहा़ दिन भर शहर की सड़कें वाहनों की लोड से कराहती रहीं़
हालांकि जाम से लोगों को राहत दिलाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पहल की गयी है. शहर के दो जगहों के पुलों की चौड़ीकरण का काम चल रहा है,
लेकिन शहर के भीतरी इलाकों में ट्रैफिक जाम की सबसे ज्यादा परेशानी है. रोजाना लोगों को कुछ दूरी तय करने में घंटों का समय लग रहा है. हालांकि शहर के चौक चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गयी है, लेकिन इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है.
सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक लगता है जाम : सुबह 11 बजे के बाद से सड़कों पर वाहनों की संख्या काफी बढ़ जाती है. टेंपों ,बस,रिक्शा,कार,बाइक समेत माल ढोवाई करनेवाले ठेला से सड़कें खचाखच भर जाती हैं. शहर के मुनीम चौक पर दोपहर के समय वाहनों से सड़क जाम हो जाती है.
पैदल चलनेवाले यात्रियों को भी चलने के लिए जगह नहीं मिल पाती. दोपहर के समय गांव-देहात से लोग शहर में खरीदारी के लिए जुटते हैं. वहीं, शाम को घर लौटने लगते हैं, जिससे स्टेशन जाने के क्रम में लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है. वहीं, दूसरी ओर स्टेशन रोड में डायर्वसन बन जाने से जाम से थोड़ी राहत है.
जमुना चौक व मुनीम चौक का रहता है बुरा हाल: शहर के बीचो-बीच स्थित जमुना चौक व मुनीम चौक पर जबरदस्त जाम की स्थिति बनी रहती है.जमुना चौक से होते हुुए लोग सेडिकेट की ओर जाते हैं और सेडिकेट से लोग रेलवे स्टेशन की ओर आते हैं.इस मार्ग में टेंपोंवालों की संख्या ज्यादा है.
इसलिए हर दिन जाम की स्थिति बनी रहती है.हालांकि पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ यहां ट्रैफिक कंट्रोल करने में लगी रहती है.खुद नगर थाना प्रभारी ट्रैफिक पुलिस के रूप में काम करते हैं.मुनीम चौक का भी यही हाल है.इसके अलावे कटहिया पुल पर भी जाम की स्थिति बनी रहती है, लेकिन समीप बने डायर्वसन से थोड़ी राहत है.
नो इंट्री पर नहीं है सख्ती : शहर के नो इंट्री जोन में अक्सर बड़े वाहनों का आना-जाना लगा रहता है,जिससे जाम की स्थिति बन जाती है. पुलिस की सुस्ती के कारण कुछ बड़े वाहन नो इंट्री में प्रवेश कर जाते हैं. लोगों का कहना है कि कुछ पुलिसवाले पैसे की लालच में बड़े वाहनों को नो इंट्री जोन में प्रवेश करने दे देते हैं.