पटना. प्रश्नपत्र लीक की अफवाह के बीच रविवार को हुई बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा पांच घंटे बाद ही रद्द कर दी गयी. प्रश्नपत्र लीक होने की जांच के लिए आयोग द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने यह निर्णय लिया. साथ ही आयोग ने प्रश्नपत्र लीक होने की जांच कराने के लिए डीजीपी से अनुरोध किया. आयोग के अनुरोध के बाद डीजीपी ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को सौंप दी.
इओयू की टीम ने देर रात जांच शुरू भी कर दी. इससे पहले जदयू कार्यालय में सीएम नीतीश कुमार ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि बीपीएससी परीक्षा के पेपर लीक होने की जानकारी मिली है. इस संबंध में पूछताछ करूंगा. दरअसल 67वीं पीटी की परीक्षा रविवार को दोपहर 12 बजे से दो बजे तक हुई, लेकिन परीक्षा शुरू होने के 15 मिनट पहले ही प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना मिलने लगी थी. कुछ देर बाद प्रश्नपत्र वायरल हो गया. इस पर आयोग ने तत्काल तीन सदस्यीय जांच टीम बनायी. दोपहर दो बजे परीक्षा समाप्त होने के बाद जांच टीम ने जांच शुरू की और शाम छह बजे ही आयोग को रिपोर्ट सौंप दी.
परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र वायरल होने की बात पर कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने हंगामा किया. आरा, पटना, वैशाली, औरंगाबाद, सीतामढ़ी सहित कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों ने दावा किया कि सभी वायरल प्रश्नपत्र परीक्षा में मिले प्रश्नपत्र से मैच कर रहे हैं.
सुबह 10:30 के बाद से ही प्रश्नपत्र होने लगा था वायरल
परीक्षा दोपहर 12 बजे से दो बजे तक हुई. परीक्षार्थियों ने दावा किया कि सुबह 10:30 बेज के बाद से ही अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप पर प्रश्नपत्र वायरल होने की बात फैलने लगी. अभ्यर्थियों ने कहा कि पेपर परीक्षा से पहले ही लीक हो चुका था. विभिन्न वॉट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्नपत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले ही वायरल कर दिये गये थे. अभ्यर्थियों का दावा है कि परीक्षा खत्म होने के बाद वायरल प्रश्नपत्र मूल प्रश्न पत्र से मैच कर गया.
आयोग के अनुसार बीपीएससी की ओर से सभी परीक्षा केंद्रों पर दंडाधिकारी, पुलिस बल की उपस्थिति में सील पश्न-पत्र उपलब्ध कराया जाता है. परीक्षा केंद्रों पर प्रतिनियुक्त स्टैटिक दंडाधिकारी की उपस्थिति में परीक्षा प्रारंभ होने के आधा घंटा पहले सील प्रश्नपत्र खोलने की अनुमति होती है. परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की एक घंटा पहले चेकिंग करते हुए प्रवेश दिया जाता है. आधा घंटा पहले परीक्षा कक्ष में आवंटित सीट पर अभ्यर्थी को बैठाया जाता है. किसी भी परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रारंभ होने के बाद केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाता है. किसी भी परीक्षार्थी और वीक्षक का परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल ले जाना वर्जित है.
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बीपीएससी की 67वीं पीटी के लिए सभी जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाये गये थे. पटना में 83 परीक्षा केंद्र थे. 802 पदों के लिए पहली बार रिकाॅर्ड छह लाख से अधिक आवेदन परीक्षा के लिए आये थे. आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि इस परीक्षा के लिए 6,02,221 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. सभी परीक्षा केंद्रों पर जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 लागू की गयी थी. परीक्षा के लिए सभी जिलों के डीएम को सह परीक्षा संयोजक बनाया गया था.
डीजीपी एसके सिंघल ने बीपीएससी की पीटी के पेपर लीक के मामले में कहा कि आर्थिक अपराध इकाई को जांच का जिम्मा दिया गया है. एडीजी नैयर हसनैन खान के नेतृत्व में विशेष टीम बनायी गयी है. टीम में कई साइबर एक्सपर्ट को शामिल किया गया है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू कर दी है. कई तरीके के एविडेंस को कलेक्ट किया जा रहा है, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि मामला बहुत ही गंभीर है और चुनौती भरा है. अब विशेष टीम पूरे मामले की जांच करेगी.
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10:40 बजे पेपर लीक होने की उड़ी अफवाह
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11:45 बजे कई वाट्सएप ग्रुप पर पेपर वायरल
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12:00 बजे परीक्षा शुरू, लीक पेपर मैच हुआ
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2:00 बजे परीक्षा संपन्न
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2:00 बजे से ही टीम ने जांच शुरू की
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6:00 बजे जांच टीम ने रिपोर्ट सौंप दी
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7:00 बजे परीक्षा रद्द होने की घोषणा