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बिहार से समाप्त हो जाएगा कालाजार का दंश, उन्मूलन की ओर बढ़ा राज्य, 2025-26 में मिल जायेगा प्रमाणपत्र

स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों की माने तो बिहार के गोरियाकोठी प्रखंड में प्रति 10 हजार की आबादी में अब कालाजार मरीजों की संख्या घटकर 0.5 हो गयी है. इसी प्रकार से सारण जिला के लहलादपुर प्रखंड में 0.54 और नागरा प्रखंड में 0.61 प्रति 10 हजार में कालाजार मरीज पाये गये हैं.

बिहार ने ट्रॉपिकल डिजिज बीमारियों के उन्मूलन में एक बार फिर बड़ा मुकाम हासिल किया है. राज्य में मच्छर के काटने से होने वाली कालाजार बुखार के उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2022 के आते-आते हासिल कर लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति को स्थायी करने की दिशा में राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दे दिया है. अब बिहार के नाम से कालाजार का लगा दंश समाप्त हो जायेगा. तीन वर्ष तक अगर राज्य के सभी 534 प्रखंडों में ऐसी स्थिति बनी रही तो 2025-26 में कालाजार उन्मूलन का प्रमाण पत्र मिल जायेगा. बिहार से बड़ी माता और पोलियो उन्मूलन के बाद अब कालाजार का उन्मूलन हो चुका है.

उन्मूलन के दर्जे के लिए क्या है मानक 

2022 में राज्य के सिर्फ दो प्रखंड ऐसे थे जहां पर कालाजार का प्रकोप प्रति 10 हजार में एक से अधिक था. इसमें सीवान जिला का गोरियाकोठी और सारण जिला का इसुआपुर प्रखंड शामिल थे. कालाजार उन्मूलन का दर्जा को लेकर केंद्र सरकार द्वारा मानक के अनुसार अगर किसी प्रखंड में प्रति 10 हजार लोगों में कालाजार मरीजों की संख्या एक से कम पायी जाती है तो उसे कालाजार से मुक्त प्रखंड माना जाता है. 2022 के अंत आते-आते गोरियाकोठी प्रखंड और इसुआपुर प्रखंड में कालाजार के रोगियों की प्रसार संख्या प्रति 10 हजार की आबादी में एक से कम हो गयी.

विशेष खोजबीन अभियान चलाया जा रहा

स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों की माने तो बिहार के गोरियाकोठी प्रखंड में प्रति 10 हजार की आबादी में अब कालाजार मरीजों की संख्या घटकर 0.5 हो गयी है. इसी प्रकार से सारण जिला के लहलादपुर प्रखंड में 0.54 और नागरा प्रखंड में 0.61 प्रति 10 हजार में कालाजार मरीज पाये गये हैं. अब इस स्थिति को भी नीचे लाने की दिशा में विशेष खोजबीन अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही वैसे कालाजार मरीजों की खोज की जा रही है जिनको कालाजार के बाद त्वाचा पर दाग हो गया है. ऐसे दाग से मच्छर संक्रमण लेकर दूसरे लोगों में कालाजार फैला सकते हैं.

मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना से बढ़ी जागरुकता

बिहार में वर्ष 2013 से मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना शुरू की गयी. कालाजार का इलाज करानेवाले मरीज को अस्पताल में भर्ती होने पर प्रति दिन 150 रुपये दैनिक मजदूरी मद में जबकि उनके सहचर को भी प्रति दिन 150 रूपये की आर्थिक मदद दी जाती है. इतना ही नहीं आशा कार्यकर्त्ता कालाजार मरीज को अस्पताल पहुंचाती है तो उनको प्रति मरीज 50 रूपये का प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है.

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