पटना (अनुज शर्मा) : विधानसभा चुनाव 2020 में अंतिम चरण तय करेगा कि किसकी सरकार बनेगी. इस चरण की बाजी किसके हाथ लगेगी यह तय करने में 18 से 19 साल आयु वाले कुल चार लाख 32 हजार 765 फर्स्ट टाइम वोटर की बहुत बड़ी भूमिका रहेगी़ इसी ताकत के चलते हर पार्टी और उम्मीदवारों की नजर युवाओं और नये मतदाताओं पर टिकी है.
सभी दलों ने सोशल मीडिया का खूब सहारा लिया़ बीजेपी पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं पर ज्यादा फोकस कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपनी हर रैली में पुराने वोटरों को संबोधित करते यह दोहराते रहे हैं कि ‘नयी पीढ़ी को जरूर बता दीजियेगा कि 15 साल पहले क्या- क्या होता था’. महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने पूरे प्रचार के दौरान नौकरी- रोजगार को फोकस में रखा़ चुनाव में टर्निंग प्वाइंट की भूमिका निभा रहे.
चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दल जो भी दावे करें, मतदान के प्रतिशत और वोटर के मूड के आधार पर माना जा रहा है कि अधिकतर सीटों पर जीत- हार का फैसला करीब का होगा़ ऐसे में कहा जा सकता है कि अंतिम चरण की 78 विधानसभा सीटों पर फर्स्ट टाइम वोटर का निर्णय ही हार-जीत तय करेगा़ कुल मतदाताओं में इनकी भागेदारी करीब दो फीसदी है़ संख्या की बात करें, तो तीसरे चरण की प्रत्येक विधानसभा सीट पर औसतन 5548 वोटर 18 से 19 साल आयु वाले हैं. ये अपने जीवन का पहला वोट इस चुनाव में करने जा रहे है़ं
तीसरे चरण में महिला वोटरों का रुख भी जीत का आधार बनेगा़ तीसरे चरण में कुल 2.35 करोड़ वोटर है़ं इनमें छह लाख 61 हजार 516 वोटर नये वोटर हैं. इनका नाम एक जनवरी 2020 के बाद मतदाता सूची में शामिल हुआ है़ पुरुष वोटर 281436 तथा महिलाओं की संख्या 379956 है़ नये वोटरों में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले करीब एक लाख अधिक है़
सात नवंबर को 15 अप्रवासी भारतीय भी अपने मत का प्रयोग करेंगे़ इनमें 11 वोटर अकेले दरभंगा जिला में है़ इकलौती अप्रवासी भारतीय महिला वोटर दरभंगा के हयाघाट विधानसभा क्षेत्र की है़ं दरभंगा नगर में चार, हयाघाट में दो, क्योटी में पांच वोटर है़ं इनके अलावा मुजफ्फरपुर में दो, सीतामढ़ी के रीगा और पश्चिमी चंपारण के सिकटा विधानसभा क्षेत्र में भी एक-एक अप्रवासी वोटर ह़ैं