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कचड़े व गंदगी का है अंबार

आरा : वार्ड नंबर 28 में आज भी गंदगी का जहां अंबार है, वहीं नालियों के जाम होने से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है. पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है, तो कई गलियों में अंधेरा छाया रहता है. इस वार्ड में तीन मुहल्ले मोती टोला, बलुअहिया तथा रौजा का क्षेत्र आता […]

आरा : वार्ड नंबर 28 में आज भी गंदगी का जहां अंबार है, वहीं नालियों के जाम होने से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है. पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है, तो कई गलियों में अंधेरा छाया रहता है. इस वार्ड में तीन मुहल्ले मोती टोला, बलुअहिया तथा रौजा का क्षेत्र आता है. हालात का ऑन स्पॉट पड़ताल करने पर कई समस्याएं दिखायी दीं.

जनवितरण प्रणाली की दुकान से राशन-केरोसिन है दुर्लभ : वार्ड संख्या 28 के निर्धारित जनवितरण प्रणाली की दुकान वार्ड नंबर 26 में चलायी जाती है. उसके खुलने व बंद होने का भी समय निर्धारित नहीं है. इस कारण लोगों को राशन व केरोसिन मिलना मुश्किल हो गया है. बमुश्किल कुछ ही लोगों को यह मिल पाता है. हालांकि कई लोगों का राशन कार्ड अब तक नहीं बन पाया है. इसकी शिकायत लोगों ने की है, पर सुनवाई नहीं हो रही है
पीने का पानी बनी समस्या : पीने के पानी के लिए वार्ड के गरीबों को महज छह चापाकल के सहारे निर्भर रहना पड़ता है. हालांकि इसमें भी दो चापाकल खराब पड़े हुए हैं. वहीं, वार्ड में एक भी जलमीनार नहीं है. विकल्प के तौर पर लगाये जाने वाले समरसेबल पंप योजना भी अब तक मूर्त रूप नहीं ले पायी है. केवल उसका पंप लगाया गया है, पर पाइप नहीं लगाया गया है. इस कारण लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है.
पेंशन के अभाव में भुखमरी के कगार पर हैं लोग : सरकार द्वारा दिये जाने वाले लक्ष्मीबाई पेंशन, नि:शक्तता पेंशन तथा वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलने से वार्ड के पेंशनधारियों की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. कई पेंशनधारी तो भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. कर्मचारी के नहीं रहने से पेंशन मिलना कठिन हो गया है.
कचरे से पटी वार्ड 28 की नाली.
समय से नहीं खुलती राशन दुकान पेयजल की भी किल्लत
नालियों एवं गलियों की नियमित सफाई नहीं की जाती है. सफाई कर्मचारी प्रतिदिन नहीं आते हैं. इससे कई जगह कचरा पड़ा रहता है. नालियों से बदबू निकलती है. इससे काफी परेशानी होती है.
सरोज कुमार, वार्डवासी
सड़कें कई जगह खराब हो चुकी हैं, उनमें बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं. हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. रात में और भी परेशानी बढ़ जाती है. इसकी मरम्मत नहीं करायी जा रही है.
मुकेश कुमार, वार्डवासी
वार्ड में शिक्षा के लिए मात्र एक प्राथमिक विद्यालय हैं. इससे छात्रों को पढ़ाई में काफी परेशानी आती है. कई छात्र तो दूसरे वार्ड में जाने के कारण पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर हो गये हैं. सरकार की घोषणा केवल घोषणा बन कर रह गयी है.
विशाल कुमार, वार्डवासी
हमें पेंशन नहीं मिल पा रहा है. यही जीने का एकमात्र सहारा है, पर कर्मचारी एवं वार्ड आयुक्त की असंवेदनशीलता के कारण हमारी हालत काफी खराब है. भुखमरी की स्थिति में हैं. हमें जल्द पेंशन दिलवाया जाये.
अनीता देवी, वार्डवासी
जनवितरण की दुकान दूसरे वार्ड में चलायी जाती है. शिकायत करने पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है. कई नालियों व गलियों का पक्कीकरण कराया गया है. स्ट्रीट लाइटें भी लगायी गयी हैं.
पूनम देवी, वार्ड अायुक्त
एक के बाद एक योजनाओं को स्वीकृति दी जा रही हैं तथा क्रियान्वयन भी किया जा रहा है. शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई कर समाधान किया जाता है. वार्ड आयुक्त से मिली योजनाओं पर अमल की जाती है.
प्रमोद कुमार, नगर आयुक्त
स्वच्छता में काफी पिछड़ा है वार्ड : नालियों एवं गलियों की नियमित सफाई नहीं होने से एक तरफ जहां नालियां जाम हो जाती हैं, वहीं दूसरी तरफ गलियों में भी कचड़ा फैला रहता है. नालियों के जाम होने से लोगों को परेशानी होती है. वहीं, कचड़ा से भी बीमारी पैदा होने का खतरा बना रहता है. सफाई कर्मचारी द्वारा नियमित सफाई नहीं करने से स्थिति काफी भयावह है.
खुले में शौच जाने को मजबूर हैं लोग : लोगों को घर-घर शौचालय योजना के तहत अब तक शौचालय नहीं बनवाये जाने के कारण लोग खास कर गरीब खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं, जबकि सरकार द्वारा खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का बार-बार ढिंढोरा पीटा जा रहा है, पर इस वार्ड में इस योजना का लेस मात्र भी असर दिखायी नहीं दे रहा है.
शिक्षा के लिए एक विद्यालय पर निर्भर हैं बच्चे : वार्ड की जनसंख्या लगभग 10 हजार है, पर वार्ड में मात्र एक प्राथमिक विद्यालय ही चल रहा है. वहीं, एक आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जा रहा है, पर इससे छात्रों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पा रही है. यह सरकार की योजनाओं तथा घोषणा पर करारा तमाचा है. छात्रों को काफी पैदल चल कर दूसरे वार्ड में शिक्षा के लिए जाना पड़ता है. इससे उन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
कई गलियां डूबी रहती हैं अंधेरे में : वार्ड की कई गलियां स्ट्रीट लाइट के अभाव में अंधेरे में डूबी रहती हैं. इससे वार्ड वासियों को रात में काफी कठिनाई होती है. हालांकि कई गलियों में 50 की संख्या में एलइडी लाइटें लगवायी गयी हैं, पर यह काफी नहीं है. इसमें भी कई लाइटें खराब पड़ी हैं.
वहीं, बिजली विभाग की लापरवाही से कई जगह जर्जर तार रहने के कारण लोगों को खतरे का भय बना रहता है, पर इसे बदला नहीं जा रहा है.

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