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नालियां खुलीं, सड़कें पतली

बेहतर जीवन के लिए समस्याओं का निदान आवश्यक है. तभी समाज सुखी हो सकता है. समस्याओं के समाधान का अर्थ होता है विकास. और समुचित विकास तभी संभव है जब इसके लिए जवाबदेह लोग उन लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ें जिनके लिए विकास करना है. पर दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पा रहा है. […]

बेहतर जीवन के लिए समस्याओं का निदान आवश्यक है. तभी समाज सुखी हो सकता है. समस्याओं के समाधान का अर्थ होता है विकास. और समुचित विकास तभी संभव है जब इसके लिए जवाबदेह लोग उन लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ें जिनके लिए विकास करना है. पर दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पा रहा है. इस कारण यथोचित विकास नहीं हो पा रहा है.

आरा : 45 वार्डों वाले आरा नगर निगम में विगत नौ वर्षों में बहुत कुछ बदला नहीं है. आज भी हालात कई मामलों में यथावत है. नालियां खुली है. सड़कें पतली हैं, सफाई नदारद है. अलबत्ता खर्च करने के लिए जनप्रतिनिधियों की राशि में बेतहाशा वृद्धि जरूर हुई है. वार्ड संख्या 16 को विकास की कसौटी पर जब ऑन द स्पॉट परखा गया, तो कई कड़ी सच्चाइयां स्थिति के सूरते हाल को बयां करते नजर आयीं.
वार्ड 16 के तहत डॉ पी सिंह के क्लिनिक, वीर कुंवर सिंह नगर, टीचर्स कॉलोनी, जिप अध्यक्ष आवास, राष्ट्रीय कल्याण छात्रावास, वीर कुंवर सिंह विश्व विद्यालय, फ्रेंडस कॉलोनी, कतीरा का कुछ भाग जय प्रकाश नगर रोड के पश्चिम, ओवर ब्रीज तक, हनुमान नगर, महाराणा प्रताप नगर, आनंद बाग, वशिष्ठ नगर, कश्यप नगर, न्यू पुलिस ऑफिसर्स क्वार्टर आदि क्षेत्र आता है.
कई सड़कें अब भी पक्कीकरण की खोज रही बाट : वार्ड नं 16 में सड़कों का पक्कीकरण हुआ है, पर कई सड़कें अभी भी निर्माण की प्रतीक्षा में है. इन सड़कों के पक्कीकरण नहीं होने से वार्ड वासियों में काफी निराशा है. वहीं महाराणा प्रताप नगर की मुख्य सड़क कई जगह टूट चुकी हैं. इससे आवागमन में कठिनाई हो रही है.
बिजली एवं स्ट्रीट लाइट : वार्ड में कुल मिला कर 18-19 घंटे बिजली वार्ड वासियों को मिलती है, पर इस वार्ड में भी कई जगह तारों की स्थिति जर्जर है. वहीं कई गलियों में बिजली के पोल नहीं गाड़े गये है. जिससे लोगों को अपने अस्थायी व्यवस्था के तहत बिजली के लिए तार अपने घरों में ले जाया गया है. यह निगम का दर्जा प्राप्त नगर का सूरते हाल है. वहीं, वार्ड में कई स्ट्रीट लाइट लगवाये गये हैं. फिर भी वार्ड के लिए उनकी संख्या नाकाफी है. कई जगहों में स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रात्रि में अंधेरा छा जाता है. कुछ स्ट्रीट लाइट रखरखाव के अभाव में खराब पड़े हुए है.
वार्ड 16 की टूटी सड़क व बगल में कचरों का अंबार.
कई जगह टूट चुकी है सड़क बिजली के तार भी हैं जर्जर
वार्ड में सफाई कर्मी आते हैं और सफाई भी होती है, पर अभी इसमें बहुत सुधार की जरूरत है. कई जगहों पर अभी गंदगी है, जिसकी सफाई नहीं हो सकी है. कर्मियों की संख्या बढ़ानी चाहिए व लोगों को भी ध्यान देना चाहिए.
अजीत कुमार भट्ट, वार्डवासी
नालियों की सफाई होती है, पर कई नालियां अब भी साफ नहीं हैं, नतीजा ओवर फ्लो कर पानी सड़क भी बहने लगता है. उनकी सफाई की आवश्यकता है. कर्मियों की कमी भी है और वे लापरवाही भी करते हैं.
पंकज कुमार सिंह, वार्डवासी
सड़क टूट गयी है. इससे आने-जाने में हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है. कई जगह कचरा भी फैला रहता है, जिससे दुर्गंध निकलती है तथा मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है. इससे काफी परेशानी होती है.
विद्यावती देवी, वार्डवासी
वार्ड में सफाई नहीं होती है. वहीं, कई गलियों में स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं. कुछ खराब पड़ी हैं, जिसकी मरम्मत नहीं होती है. इससे वार्डवासी को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
अविनाश मिश्र, वार्डवासी
मैं जन समस्याओं के प्रति काफी जागरूक रहता हूं. वार्ड में कई स्ट्रीट लाइटें लगवायी हूं. वहीं, 20 घरों में शौचालय निर्माण की प्रक्रिया जारी है. अन्य कई कार्य भी करवाया हूं. जल्द ही समस्याओं का निराकरण होगा.
जितेंद्र शुक्ल, वार्ड आयुक्त
वार्ड आयुक्त द्वारा प्राथमिकता के आधार पर दिये गये कार्यों को निगम पूरा करेगा. कई कार्य कराये भी गये हैं. अन्य बाकी कार्य भी सूचीबद्ध तरीके से कराये जायेंगे. थोड़ा समय लगेगा, पर जन समस्याओं का निराकरण हर हाल में होगा.
प्रमोद कुमार, नगर आयुक्त
पेयजल की नहीं है उचित व्यवस्था : पेयजल का समुचित प्रबंध नहीं होना दुर्भाग्य की बात है. वार्ड में वर्तमान में तीन चापाकल लगाये गये हैं, जो वार्ड की संख्या के अनुरूप काफी कम है. वहीं, एक भी जलमीनार नहीं बनी है. इससे लोगों को अपने ही संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इससे गरीबों को ज्यादा परेशानी हो रही है. उनके पास अपने संसाधन भी नहीं हैं और निगम द्वारा कोई व्यवस्था भी नहीं है.
नालियों की सफाई व स्वच्छता की स्थिति : नालियों की सफाई की स्थिति कहीं ठीक नहीं है. कई जगह नालियां जाम हैं. कई नालियों का पक्कीकरण हुआ है, तो अभी कई नालियां पक्कीकरण की बाट जोह रही है. कच्ची नालियों से निगम नहीं गांव का दृश्य उपस्थित होता है. वार्ड में सफाई की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है. सफाई कर्मी प्राय: गलियों की सफाई करते है. फिर भी कई जगह कचरा जमा रहता है. कई गलियों की ठीक से सफाई नहीं की जाती है.
राशन-केरोसिन की हालत ठीक नहीं : जन वितरण प्रणाली की दुकान की स्थिति वैसी ही है जैसा पूर्व से लोगों को इसके बारे में जानकारी है. दुकान के खुलने और बंद होने का पता किसी- किसी को होता है. ज्यादातर लोग इससे अनभिज्ञ ही रहते हैं. केरोसिन की आपूर्ति तो सरकार द्वारा ही आधा कर दिया गया है. इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बिजली कटने की स्थिति में गरीबों के लिए रोशनी के लिए केरोसिन का ही सहारा होता है. पर एक माह में सवा लीटर केरोसिन से क्या होनेवाला है.
इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. वहीं राशन के लिए मिलने वाले अनाज भी काफी निम्न स्तर के होते है. वह भी लोगों को पूरी मात्रा में नहीं दिया जाता है. इससे खास कर गरीबों को काफी परेशानी होती है.
शौचालय का भी लक्ष्य नहीं हो पाया है पूर्ण
सरकार द्वारा बहू प्रचारित शौचालय निर्माण योजना का लक्ष्य भी वार्ड में अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है. इससे गरीबों को खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड़ता है. वहीं व्यक्तिगत शौचालय निर्माण योजना की भी लक्ष्य अभी तक पुरा नहीं हो पाया है. महज 20 घरों में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई है. पर निर्माण पुरा नहीं हो पाया है. महज निर्माण के लिए मिलने वाले एक किस्त भी अभी तक लाभुको को मिल पाया है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
पंचायत की योजनाओं में भागीदारी को लेकर वार्ड सदस्य करेंगे आंदोलन

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