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वामन भगवान की जयंती पर भक्तों ने खाया लिट्टी-चोखा

संवाददाता : बक्सर भगवान विष्णु के पांचवें अवतार के रूप में बक्सर में अवतरित हुए बटुक वामन की जयंती पर केंद्रीय कारा परिसर में बने श्री वामनेश्वर धाम में शुक्रवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही. महिलाएं एकादशी व्रत करके भगवान वामन की पूजा-अर्चना करके अन्न ग्रहण किया. सुबह से ही केंद्रीय […]

संवाददाता : बक्सर भगवान विष्णु के पांचवें अवतार के रूप में बक्सर में अवतरित हुए बटुक वामन की जयंती पर केंद्रीय कारा परिसर में बने श्री वामनेश्वर धाम में शुक्रवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही.

महिलाएं एकादशी व्रत करके भगवान वामन की पूजा-अर्चना करके अन्न ग्रहण किया. सुबह से ही केंद्रीय कारा परिसर का इलाका श्रद्धालुओं से भरा रहा और मेले सा नजारा दिखायी पड़ा.

मंदिर में पूजा-अर्चना से पूर्व श्रद्धालु महिलाओं ने तिनमुहानी घाट पर गंगा स्नान किया और फिर कारा परिसर में बने पौराणिक मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की. पूजा-अर्चना के लिए मंदिर में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी और पूरा पूजा स्थल पिकनिक स्पॉट के रूप में तब्दील हो गया था.

सुबह से दूर-दूर से महिलाओं का जुटना शुरू हो गया था. बक्सर जिला समेत बलिया और गाजीपुर तथा भोजपुर जिले से बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं यहां जुटी थीं.महिलाओं ने पूजा-अर्चना के बाद यहीं लिट्टी-चोखा बनाया और भगवान वामन के जन्म होने के बाद अपना एकादशी व्रत तोड़ा.

मेला-सा नजारा पूरे परिसर में दिख रहा था : जगह-जगह फूल-माला की दुकानें, चाट और गोलगुप्पे की दुकानें तथा चीनी और गुड़ की जलेबी और मिठाई की दुकानें लग गयी थी. साथ ही बच्चों के सस्ते खिलौने की दुकानें भी बड़ी संख्या में लगी थीं
पूजा-अर्चना में प्रयुक्त होनेवाले बर्तनों एवं छोटे-छोटे कलशों तथा महिलाओं के प्रसाधन की सामग्री भी मेले में बिक रही थी.
मेले में संतों का चलता रहा प्रवचन
पूजा-अर्चना के साथ-साथ मंदिर के समीप में पंडाल लगा था, जिसमें भगवान वामन की कहानी और दैत्य राज बलि के आतंक को लेकर प्रवचन चल रहा था,
जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं प्रवचन सुनने में मशगूल दिखीं. प्रवचन के क्रम में सीताराम विवाह आश्रम के संस्थापक श्रीमन नारायण जी महाराज के शिष्य हृदयानंद जी उर्फ रामचरित्र दास जी महाराज ने कहा कि भगवान विष्णु के रूप में अवतरित हुए बटुक वामन ने चरित्रवन स्थित ब्राह्मण दंपती के कोख से जन्म लिया था और उनके प्रयास से ही ऋषियों, ब्राह्मणों तथा महिलाओं पर जुल्म का अंत हुआ था और धर्म की स्थापना हुई थी.
सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम : सुबह से देर शाम तक यहां महिलाओं की हजारों की संख्या में भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से करीब 35 सुरक्षा गार्डों की तैनाती की गयी थी, जिसमें 15 महिला सुरक्षा गार्ड शामिल थे. सुरक्षा गार्डों के साथ एक मजिस्ट्रेट भी तैनात किये गये थे, जो जगह-जगह फैल कर महिलाओं की सुरक्षा में लगे थे.

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