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चांद को रिमांड पर ले गयी महाराष्ट्र पुलिस
प्रोपर्टी डीलर की हत्या के लिए ली थी सुपारी आरा : महाराष्ट्र के एक प्रोपर्टी डीलर की हत्या को लेकर एक करोड़ की सुपारी लेनेवाले मंडल कारा में बंद चांद मियां को महाराष्ट्र पुलिस ने गुरुवार को रिमांड पर ले लिया. पूछताछ करने के साथ-साथ प्रोपर्टी डीलर सह महाराष्ट्र के बड़े व्यवसायी की हत्या के […]
प्रोपर्टी डीलर की हत्या के लिए ली थी सुपारी
आरा : महाराष्ट्र के एक प्रोपर्टी डीलर की हत्या को लेकर एक करोड़ की सुपारी लेनेवाले मंडल कारा में बंद चांद मियां को महाराष्ट्र पुलिस ने गुरुवार को रिमांड पर ले लिया. पूछताछ करने के साथ-साथ प्रोपर्टी डीलर सह महाराष्ट्र के बड़े व्यवसायी की हत्या के लिए दी गयी सुपारी से संबंधित मामले की गुत्थी सुलझाने को लेकर पुलिस उसे महाराष्ट्र ले गयी.
महराष्ट्र पुलिस को चांद मियां का भाई नईम उर्फ राजू मिस्त्री दो पिस्टल के साथ हत्थे चढ़ा, तो चांद मियां से इस मामले का तार जुड़े होने का मामला खुल कर सामने आया. इसके बाद महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच की पुलिस चांद मियां को रिमांड पर लेने के लिए आरा पहुंची, जहां कोर्ट की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अपने साथ पूछताछ के लिए महाराष्ट्र ले गयी.
सफेद पोश लोग भी होंगे निशाने पर
जेल से ही चांद मियां द्वारा महाराष्ट्र के एक व्यवसायी की हत्या को लेकर सुपारी लिये जाने की बात सामने आने के बाद पुलिस उसे रिमांड पर ले गयी. वहीं, महाराष्ट्र के कल्याण जिले के थाणो से चांद मियां के भाई की हुई गिरफ्तारी और पुलिसिया पूछताछ के दौरान हुए खुलासे के बाद महाराष्ट्र पुलिस चांद मियां और इससे जुड़े गुर्गे के राज को खंगालने को ले आरा कैंप की हुई थी.
महाराष्ट्र से आयी पुलिस टीम में इंस्पेक्टर एफएस शेख, एक एएसआइ तथा चार पुलिसकर्मी शामिल थे. इस दौरान चांद मियां से पूछताछ के बाद कई सफेद पोश लोग का भी राज खुलने की उम्मीद है. इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस के ऐसे सफेद पोश लोग निशाने पर आ जायेंगे.
पूछताछ के बाद खुल सकते हैं कई राज
मुंबई क्राइम ब्रांच की पुलिस को चांद मियां से पूछताछ करने के बाद कई राज खुलने के साथ – साथ कई कांडों का खुलासा होने की संभावना बढ़ गयी है. ऐसे में चांद मियां और लंबू शर्मा के बीच जुड़ी कड़ी का भी राज सामने आ सकता है. इसके बाद पुलिस लंबू शर्मा को भी रिमांड पर ले सकती है.
कोर्ट के मामले में प्रशासनिक स्वीकृति की कोई बाध्यता नहीं : कारा महानिरीक्षक
कारा महानिरीक्षक प्रेम सिंह मीणा ने दूरभाष पर बताया कि जदयू विधायक को मंडल कारा, आरा से बेऊर स्थानांतरित किये जाने से संबंधित कोई भी पत्र डीएम और जेल अधीक्षक के माध्यम से प्राप्त नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि कोर्ट के मामले में जेल बंदी को दूसरे जिले की कारा में स्थानांतरित किये जाने को लेकर सभी मामलों में कारा महानिरीक्षक की अनुमति ली जानी जरूरी नहीं होती है. उन्होंने कहा कि यह जेल अधीक्षक और जिलाधिकारी के स्तर पर समीक्षा करनी होती है कि कोर्ट का जेल बंदी को अन्यत्र कारा में स्थानांतरित करने संबंधी क्या आदेश है.
ऐसे में प्रशासनिक छूट भी है और आवश्यकता पड़ने पर एक जिले से दूसरे जिले की कारा में स्थानांतरित करने को लेकर डीएम और जेल अधीक्षक के माध्यम से पत्र प्राप्त होने पर अनुमति दिये जाने का भी प्रावधान है.
विधायक सुनील पांडेय की जमानत अर्जी पर हुई सुनवाई
आरा : कोर्ट बम कांड के मामले में अप्राथमिकी अभियुक्त तरारी के विधायक नरेंद्र पांडेय उर्फ सुनील पांडेय की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह उर्फ दारा ने गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की.
सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी बीडी पांडेय ने उक्त कांड की केस डायरी मंगाने का आदेश दिया. अभियुक्त की ओर से वरीय अधिवक्ता भनेश्वर तिवारी ने जमानत अर्जी पर बहस के दौरान कोर्ट से कहा कि अभियुक्त लंबू शर्मा का स्वीकारोक्ति बयान व कॉल डिटेल पुलिस से मंगाया जाये.
बता दें कि कोर्ट बम कांड के मुख्य अभियुक्त लंबू शर्मा के स्वीकारोक्ति बयान व अनुसंधान के दौरान संलिप्तता के आधार पर कांड के अनुसंधानकर्ता द्वारा अप्राथमिकी अभियुक्त बनाते हुए सुनील पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. पुलिस ने सीजेएम के कोर्ट में एक आवेदन के साथ विधायक को प्रस्तुत किया था, जिसमें कहा गया था कि गिरफ्तार अपराधी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं.
इसलिए उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया. पुलिस अनुसंधान के आवेदन के आलोक में सीजेएम ने न्यायिक हिरासत में 11 जुलाई को विधायक को जेल भेजने का आदेश दिया. बता दें कि कोर्ट बम विस्फोट के दौरान एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि कई अन्य जख्मी हो गया था.
लंबू शर्मा की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक व्यक्तियों के नाम आने पर उच्च न्यायालय द्वारा उक्त कांड की मॉनीटरिंग की गयी. मॉनीटरिंग के दौरान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने भोजपुर के एसपी और डीआइजी को बुला कर अनुसंधान की जानकारी ली थी.
केंद्रीय कारा भेजने से पहले अधिकारियों से लेनी होगी अनुमति
केंद्रीय कारा, बेऊर स्थानांतरण किये जाने को लेकर अभी पेच है. बंदी को एक जिले से दूसरे जिले की कारा में स्थानांतरित किये जाने के पहले जिलाधिकारी और जेल अधीक्षक द्वारा कारा महानिरीक्षक से पत्र भेज कर अनुमति लिये जाने का प्रावधान है.
वहीं, कोर्ट के मामले में बिना कारा महानिरीक्षक की अनुमति के ही दूसरे जिले की कारा में सीधे तौर पर बंदी को स्थानांतरित किये जाने के लिए अनुमति की प्रशासनिक बाध्यता नहीं है. ऐसे में विधायक को कोर्ट के आदेश पर जेल अधीक्षक बिना कारा महानिरीक्षक की अनुमति के भी बेऊर स्थानांतरित कर सकते हैं. लेकिन, कोर्ट का इस संबंध में क्या आदेश है इस पर प्रशासनिक छूट का आदेश निर्भर करता है.
विधायक के बेऊर कारा स्थानांतरण पर बना सस्पेंस
विधायक के मंडल कारा, आरा से केंद्रीय कारा, बेऊर (पटना) स्थानांतरित कब किये जायेंगे, इसको लेकर अब भी सस्पेंस बना है. पटना भेजे जाने संबंधी दिये गये आदेश के बाद मंडल कारा अधीक्षक द्वारा गुरुवार को जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त करने और सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने को लेकर डीएम और एसपी को पत्र लिखा गया है.
ज्ञात हो कि पिछले दिनों विधायक के प्रतिनिधि बेंकटेश राय ने डीएम, एसपी और जेल अधीक्षक को पत्र भेज कर विधायक की सुरक्षा की गुहार लगायी थी. इसके बाद भी विधायक केंद्रीय कारा, बेऊर कब भेजे जायेंगे, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है.
जेल भेजे जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं : डीएम
जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल ने दूरभाष पर बताया कि जदयू विधायक को केंद्रीय कारा, बेऊर स्थानांतरित किये जाने से संबंधित कोई भी प्रस्ताव मंडल कारा अधीक्षक से गुरुवार तक प्राप्त नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि यदि जेल अधीक्षक से इस संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त होता है, तो समीक्षोपरांत उस पर नियमानुसार अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
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