भागलपुर में अब महज 10 मिनट में ही ट्रेनों की सफाई हो जायेगी. ऑटोमेटिक रेल कोच वॉशिंग प्लांट का उद्घाटन सोमवार को मालदा रेल डिवीजन के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने किया. इस अवसर पर डीआरएम ने कहा कि यह वाशिंग प्लांट कई मायने में अनोखा और खास है. इससे ट्रेनों की सफाई तेजी से होगी.
ट्रेनों की साफ-सफाई में खर्च होने वाले पानी की भी काफी बचत होगी. डीआरएम ने कहा कि अभी तक ट्रेन के कोच को धुलने में कई लोगों की मेहनत के साथ ज्यादा समय भी लग रहा था लेकिन अब ये काम मिनटों में हो जायेगा. इस अवसर पर सीनियर डीएमइ, सीनियर डीपीओ, कैरेज एंड वैगेज के सीनियर सेक्शन इंजीनियर, मुख्य यार्ड प्रबंधक व अन्य थे.
रेलवे का यह ऑटोमेटेड कोच वॉशिंग प्लांट एंवायरोमेंट फ्रेंडली भी है. यह प्लांट रेल कोच धोने के परंपरागत तरीकों के मुकाबले 90 प्रतिशत कम पानी का इस्तेमाल करेगा. इससे साफ है कि यह केवल 10 फीसदी पानी में ही पूरी कोच की धुलाई देगा. आम कोच वॉशिंग प्लांट में एक कोच को धोने के लिए 1500 लीटर पानी की जरूरत होती है लेकिन ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट से केवल 300 लीटर पानी में पूरी कोच धुल जायेगी. इस 300 लीटर पानी में भी 80 प्रतिशत पानी रिसाइकल यानी इस्तेमाल किये गये पानी को साफ कर दोबारा इस्तेमाल में लाया जाता है.
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डीआरएम यतेंद्र कुमार ने बताया कि भागलपुर इस्टर्न रेलवे का तीसरा सबसे बड़ा स्टेशन है. उच्चतम राजस्व देने वाला स्टेशन है. उन्होंने ‘आजादी की रेल गाड़ी और स्टेशन‘ से जुड़े कार्यक्रम में तिलकामांझी के बारे में भी विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के विरोध में आंदोलन किया था. हम सभी भारतवासियों के लिए यह ऐतिहासिक काल खंड है जब हम अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं .