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Prabhat Khabar Exclusive: बिहार में सरकारी स्कूलों की जमीन के कागजात गायब, खुद की जमीन बता लोग गेट पर जड़ रहे ताला

बालिका मध्य विद्यालय, राघोपुर नाथनगर की जमीन को अपना बताकर स्थानीय व्यक्ति द्वारा स्कूल के गेट पर तालाबंदी के बाद जिला शिक्षा कार्यालय के नींद खुली है. आनन-फानन में जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि जिले के दो हजार से अधिक सरकारी उच्च, मध्य व प्राथमिक विद्यालयों की जमीन के कागजात एक सप्ताह के अंदर सभी प्रधानाध्यापक जमा कर दें. निर्देश जारी होने के बाद सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक कागजात की तलाश में जुट गये हैं. इस क्रम में पता चला है कि 80 फीसदी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के पास स्कूल की जमीन के कागजात नहीं हैं.

गौतम वेदपाणि, भागलपुर: बालिका मध्य विद्यालय, राघोपुर नाथनगर की जमीन को अपना बताकर स्थानीय व्यक्ति द्वारा स्कूल के गेट पर तालाबंदी के बाद जिला शिक्षा कार्यालय के नींद खुली है. आनन-फानन में जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि जिले के दो हजार से अधिक सरकारी उच्च, मध्य व प्राथमिक विद्यालयों की जमीन के कागजात एक सप्ताह के अंदर सभी प्रधानाध्यापक जमा कर दें. निर्देश जारी होने के बाद सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक कागजात की तलाश में जुट गये हैं. इस क्रम में पता चला है कि 80 फीसदी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के पास स्कूल की जमीन के कागजात नहीं हैं.

कई प्रधानाध्यापकों की हो चुकी है मृत्यु,बांकि हुए रिटायर

इसके जानकार कई प्रधानाध्यापकों की मृत्यु हो चुकी है या फिर वे रिटायर हो गये हैं. दूसरी ओर कागजात संभालकर रखने का दायित्व रखनेवाले वरीय लिपिकों की अलमारी से भी जमीन के कागजात गायब हैं. कागजात खोजने के आदेश के बाद प्रधानाध्यापकों का कहना है कि जबतक जिला प्रशासन के स्तर से अंचल कार्यालय या अभिलेखागार से मदद नहीं मिलेगी, जमीन के कागजात जिला शिक्षा कार्यालय में जमा करना मुश्किल है. बता दें कि जिले के कई सरकारी कॉलेजों की भी यही स्थिति है. मामले की जानकारी देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि कागजात जमा लेने के लिए 26 जनवरी को भी कार्यालय खोला जायेगा. प्रधानाध्यापकों को हर हाल में स्कूल के कागजात जमा करने होंगे.

विद्यालय शिक्षा समिति की मिलीभगत की आशंका

जिला शिक्षा कार्यालय के एक वरीय पदाधिकारी ने बताया कि स्कूल की जमीन व अन्य संपत्ति के गबन के प्रयास की सूचना अक्सर मिलती रहती है. पुलिस व अंचलाधिकारी के सहयोग से मामले को किसी तरह संभाला जाता है. लेकिन ठोस निराकरण तभी संभव है, जब स्कूल के ऑरिजनल कागजात मिल जायें. पदाधिकारी ने आशंका व्यक्त की कि विद्यालय के संचालन के लिए बनायी गयी विद्यालय शिक्षा समिति के कुछ लोग कागजात में हेरफेर कर सकते हैं.

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पंचायत चुनाव के बाद नयी समिति होगी गठित

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार से निर्देश मिला है कि मध्य व प्राथमिक विद्यालयों के बेहतर संचालन के लिए नयी विद्यालय शिक्षा समिति का गठन पंचायत चुनाव के बाद किया जायेगा. उन्होंने बताया कि समिति के अध्यक्ष के रूप में स्थानीय वार्ड पार्षद को अध्यक्ष बनाया जाता है. ऐसे में नये पार्षद के निर्वाचन के बाद उन्हें विद्यालय शिक्षा समिति का अध्यक्ष बनाया जायेगा.

तीन साल में बनती है नयी समिति

बता दें हर तीन साल में 10 सदस्यीय समिति का गठन किया जाता है. वर्तमान समिति का कार्यकाल तीन माह पहले ही पूरा हो चुका है. कोविड महामारी के कारण समिति को राज्य सरकार ने तीन माह का एक्सटेंशन दिया है. विद्यालय शिक्षा समिति में वार्ड सदस्य या पार्षद बतौर अध्यक्ष, किसी छात्र की मां को सचिव समेत अन्य आठ सदस्य भी महिला अभिभावक रहती हैं. समिति की देखरेख में स्कूल का संचालन किया जाता है.

कैसे खुला मामला

कुछ दिन पहले बालिका मध्य विद्यालय, राघोपुर नाथनगर की गेट में वहां के एक व्यक्ति ने ताला मार दिया कि स्कूल उसकी जमीन पर है. वह अपनी जमीन वापस चाहता है. कई दिन स्कूल बंद रहा. वर्षों पुराने इस स्कूल के बंद होने से सब चिंतित थे. बाद में उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और स्कूल खोला गया. इसी के बाद विभाग ने सभी स्कूलों का कागजात खोजवाना शुरू किया है.

Posted By :Thakur Shaktilochan

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