अब लुटने ही वाला था भागलपुर का तनिष्क शोरूम, बंगाल जेल में बंद पंजाब के कुख्यात की यह थी पूरी प्लानिंग…
बिहार के भागलपुर जिले में तिलकामांझी स्थित तनिष्क शोरूम को लूटने की पूरी तैयारी थी. करीब महीने भर से जुटे अपराधी शोरूम की रेकी कर रहे थे. आठ अपराधी गिरफ्तार किए गए तो पूरे खेल का पर्दाफाश हो गया. बंगाल की जेल से साजिश रची गयी थी.
बिहार के भागलपुर जिले में तिलकामांझी स्थित तनिष्क शोरूम में डकैती की साजिश रची गयी थी. पश्चिम बंगाल के दमदम जेल में बंद अपराधी ने इस लूट की साजिश रची थी. लेकिन भागलपुर पुलिस ने इस साजिश को विफल कर दिया. झारखंड के साहेबगंज निवासी एक अपराधी मो. मुमताज को भागलपुर के इशाकचक से गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर आठ और अपराधियों को वैशाली से पुलिस ने पकड़ लिया. लूट की पूरी साजिश सामने आ गयी है.
दमदम जेल में बंद पंजाब के कुख्यात ने बनायी साजिश
भागलपुर के तिलकामांझी स्थित तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती की योजना दमदम जेल में बंद पंजाब का रहने वाला कुख्यात अपराधी राजवीर ने बनायी थी. पूर्व में भी वह बिहार, बंगाल सहित अन्य राज्यों में ज्वेलरी शोरूम सहित बड़े प्रतिष्ठानों में डकैती और लूट जैसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है. मामले में समस्तीपुर रिलायंस ज्वेलरी शॉप में हुए लूट के फरार एक लाख रुपये का इनामी अपराधी साहेबगंज निवासी मो. जफर और मो. साहिल ने राजवीर का सहयोग किया. जेल में बैठे राजवीर ने भागलपुर के तिलकामांझी तनिष्क स्टोर में डकैती की योजना बनायी और उसके बाद जेल से ही फोन का इस्तेमाल कर इसकी जानकारी जफर और साहिल को दी थी.
जेल में राजवीर तक ऐसे पहुंचता था मैसेज…
भागलपुर के इशाकचक क्षेत्र से गिरफ्तार मुमताज ने पुलिस को इस बात की भी जानकारी दी है कि राजवीर के साथ दमदम जेल में उसी के वार्ड में जफर का एक भाई भी किसी मामले में बंद था. जफर बिहार पुलिस की नजर में फरार होने के बावजूद अक्सर दमदम जेल में अपने भाई से मिलने जाता था. जहां जफर का भाई उस तक राजवीर के संदेश को पहुंचाता था.
डेढ़ माह से मुमताज सहित अन्य अपराधी कर रहे थे तनिष्क शोरूम की रेकी
मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किया गया मुमताज और डकैती की घटना को अंजाम तक पहुंचाने के प्रयास में लगे उसके कुछ अन्य सहयोगी पिछले डेढ़ माह से लगातार तनिष्क शोरूम की रेकी कर रहे थे. उन लोगों ने भागलपुर के बरहपुरा ईदगाह के पास किराये पर कमरा लिया था. जहां वे लोग आकर ठहरते थे और रेकी कर यहां से निकल जाते थे.
ये जानकारी खंगाल रहे थे अपराधी…
- किस तरह से डकैती की घटना को अंजाम देना है
- कब-कब पुलिस शोरूम में जांच को पहुंचती है
- शोरूम में किस वक्त सबसे कम स्टाफ और ग्राहक रहते हैं
- शोरूम के भीतर और बाहर कितने सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं
- डकैती की घटना को अंजाम देने के बाद जिस रूट से वे लोग भागेंगे वहां कितने कैमरे लगे हुए हैं
15 लुटेरों का टास्क हो चुका था तैयार
पूछताछ के क्रम में यह भी जानकारी मिली है कि डकैती की घटना को अंजाम देने के लिए करीब 15 अपराधियों का गिरोह बनाया गया था. जोकि शोरूम के भीतर से लेकर बाहर और रूट आदि पर रहते और डकैती के दौरान पल-पल की रिपोर्ट अपने अन्य साथियों के साथ साझा करते.
लूट के बाद रेलवे ट्रैक के रास्ते स्टेशन तक पहुंचने की थी योजना
योजना बनायी गयी थी कि घटना को अंजाम देने के बाद गली-मोहल्लों से होकर सभी अपराधी बरहपुरा स्थित मो. मुमताज के कमरे पर पहुंचते. जहां अपने हथियारों को रखने के बाद उसी घर के पीछे पतली गली से होकर वे लोग बरहपुरा मोहल्ले के पीछे लूटे गये आभूषणों और नकदी को अलग-अलग बैग में रखकर रेलवे ट्रैक पर पहुंचते. रेलवे ट्रैक के रास्ते ही पैदल भागलपुर रेलवे स्टेशन पहुंचते और फिर वहां से ट्रेन पकड़ कर अपने अपने गंतव्य तक निकल जाते.
